अमरावती /दि.18– प्लास्टिक पन्नी पर बंदी रहने के बावजूद भी व्यापारियों द्बारा उसका ढडल्ले से प्रयोग किया जाता है. विगत सप्ताह एक गोदाम से करीब 3200 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक पकडने में मनपा को सफलता मिली. जिससे यह स्पष्ट हुआ कि, अब भी प्रतिबंधित प्लास्टिक का उत्पादन व विक्री शुरु है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता विभाग द्बारा आगामी सोमवार से निरंतर होने वाली कार्रवाई को और अधिक तीव्र किया जाएगा. जिसके लिए मुख्यालय स्तर पर 1 एवं झोन निहाय स्तर पर 5 गठित पथकों को गतिमान ढंग से कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा चुके है. इन पथकों द्बारा की जाने वाली कार्रवाई के तहत पहली बार पकडे जाने पर 5 हजार रुपए का दंड लगाया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, प्रतिबंध रहने के बावजूद भी 75 मायक्रॉन से कम वाली प्लास्टिक पन्नियों का प्रयोग अब तक रुका नहीं है. ऐसे में व्यापारी, फेरीवाले व दुकानदारों पर छापा मारकर प्लास्टिक को हदपार करने के लिए महानगरपालिका ने प्रभाग स्तर पर वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक व स्वास्थ्य निरीक्षक ऐसे कुल 30 से 40 हजार लोगों का पथक गठित किया है. पांचों झोन में रहने वाले 5 वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक झोन निहाय पथक के प्रमुख है. साथ ही पथक में संबंधित झोन के स्वास्थ्य निरीक्षकों का समावेश किया गया है. जारी वर्ष के दौरान विगत 7 माह में प्लास्टिक बंदी पर अमल करते हुए महानगरपालिका ने कुल 106 प्रतिष्ठानों से 9662 किलो प्लास्टिक जब्त कर 4.80 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया.
* दुकान, बाजार पेठ व मॉल पर नजर
महानगरपालिका के स्वच्छता विभाग के स्वास्थ्य निरीक्षकों का समावेश रहने वाले 6 पथकों द्बारा शहर में प्लास्टिक बंदी के नियम पर प्रभावी रुप से अमल हो रहा है अथवा नहीं, इसकी जांच पडताल की जाएगी.
दुकान, बाजारपेठ व शहर के मॉल में इस पथक द्बारा किसी भी वक्त पहुंचकर पडताल की जाएगी और भाजी व फल विक्रेताओं की हाथ गाडियों को भी जांचा जाएगा.
सडक किनारे व्यवसाय करने वाले सब्जी व फल विक्रेताओं द्बारा ढडल्ले के साथ प्रतिबंधित पन्नियों का प्रयोग किया जाता है. वे भी इन पथकों के राडार पर आ जाएगे. वैद्यकीय स्वच्छता अधिकारी के नेतृत्व में इन सभी पथकों को कार्यान्वित किया जा रहा है.
* गत वर्ष 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इस प्रतिबंध पर अमल करने हेतु झोन स्तर पर 5 व मुख्यालय स्तर पर एक ऐसे 6 पथक नियुक्त किए गए है.
– डॉ. सीमा नैताम,
वैद्यकीय स्वच्छता अधिकारी