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विदेश से आये 50 नागरिक अब भी संपर्क से बाहर

दो सप्ताह में 362 प्रवासी नागरिक लौटे

* 307 के सैम्पलों की रिपोर्ट आयी निगेटीव

अमरावती/दि.20- विगत दो सप्ताह के दौरान विदेशों से 362 नागरिक अमरावती जिले में वापिस लौटे है. जिनमें से 50 प्रवासी नागरिकों के साथ अब तक स्वास्थ्य महकमे का संपर्क नहीं हुआ है. वहीं शेष 312 नागरिकों में से 307 नागरिकों की आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटीव आयी है. जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है. साथ ही अन्य सैम्पलोें की रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है. इन सभी नागरिकों को आठ दिनों तक होम आयसोलेशन के तहत कोरोंटाईन रखा जायेगा. इसके अलावा अब तक संपर्क में नहीं आये प्रवासी नागरिकों से संपर्क करने का पूरा प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.
बता दें कि, पडोसी जिले बुलडाणा में कोविड वायरस के नये वेरियंट ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज पाये जाने के चलते स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन हायअलर्ट पर है और विदेश यात्रा से वापिस लौटनेवाले सभी नागरिकों पर कडी नजर रखी जा रही है. जिसके तहत विदेश यात्रा से लौटनेवाले नागरिकों की सूची प्राप्त होते ही मनपा व ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत ऐसे प्रवासी नागरिकों से संपर्क किया जाता है और उन्हें होम आयसोलेट करते हुए आठ दिन पश्चात उनका थ्रोट स्वैब सैम्पल लेकर आरटीपीसीआर टेस्ट करायी जाती है. पता चला है कि, विगत दो सप्ताह के दौरान विदेशों से 362 नागरिक अमरावती जिले में वापिस लौटे है. जिनमें मनपा क्षेत्र में 269 व ग्रामीण क्षेत्र में 91 प्रवासी नागरिकों की आमद हुई है. किंतु मनपा क्षेत्र में 38 व ग्रामीण क्षेत्र में 12 ऐसे कुल 50 प्रवासी नागरिकों से अब तक प्रशासन का कोई संपर्क नहीं हो पाया है. जिसकी जानकारी पुलिस महकमे को दी जा चुकी है.
* ओमिक्रॉन के खतरे के बावजूद कईयों का टीका लेने से इन्कार
– मेलघाट के आदिवासियों में अब भी कई गलतफहमियां बरकरार
– गत रोज पूरे जिले में केवल 550 नागरिकों को लगे प्रतिबंधात्मक टीके
इस समय जहां एक ओर दो लहर के दौरान जबर्दस्त कहर मचा चुके कोविड वायरस के ओमिक्रॉन नामक नये वेरियंट का खतरा सभी के सामने मंडरा रहा है. जिससे बचने हेतु प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगाने को सबसे कारगर उपाय बताया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर सर पर महामारी का खतरा मंडराता रहने के बावजूद कई लोग प्रतिबंधात्मक टीका लेने से इन्कार कर रहे है. विशेष तौर पर आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र के ग्रामीण आदिवासियों में अब भी इस वैक्सीन को लेकर कई तरह की गलतफहमियां है और इस क्षेत्र के आदिवासी बार-बार मनाने के बावजूद टीका लगवाने हेतु आगे नहीं आ रहे. यह स्थिति काफी खतरनाक भी साबित हो सकती है.
बता देें कि, जहां एक ओर सरकार एवं प्रशासन द्वारा टीकाकरण की रफ्तार को बढाने हेतु तमाम आवश्यक प्रयास किये जा रहे है. वहीं दूसरी ओर गत रोज समूचे जिले में केवल 550 टीके ही लगाये जा सके. जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि, लोगबाग अब टीकाकरण को लेकर कितने उदासीन हो गये है. ऐसे में टीकाकरण नहीं करानेवाले नागरिकों के संक्रमण की चपेट में आने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. वहीं इन दिनों मास्क, सोशल डिस्टंसिंग व सैनिटाईजर जैसी कोविड त्रिसूत्री के नियम की भी जमकर अनदेखी हो रही है. जिससे महामारी के दुबारा फैलने का और भी अधिक खतरा उत्पन्न हो गया है. जिससे संक्रमण की तीसरी लहर भी आ सकती है.
* स्वास्थ्य महकमा है पूरी तरह से मुस्तैद
– रोजाना 3 हजार टन ऑक्सिजन निर्मिती की क्षमता
इन दिनोें राज्य में कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य महकमे द्वारा तमाम आवश्यक तैयारियां की जा रही है. जिसके तहत सभी कोविड अस्पतालों को एक बार फिर पहले की तरह चुस्त-दुरूस्त व सुसज्जित करते हुए वेंटिलेटर, ऑक्सिजन बेड व आयसीयू बेड को तैयार किया जा रहा है. साथ ही संभावित जरूरत को ध्यान में रखते हुए कृत्रिम ऑक्सिजन की निर्मिती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इस समय राज्य में रोजाना 1 हजार 600 मेट्रिक टन कृत्रिम ऑक्सिजन की निर्मिती हो रही है. वहीं निजी क्षेत्र में रोजाना 1 हजार 300 मेट्रिक टन कृत्रिम ऑक्सिजन का उत्पादन हो रहा है. ऐसे में राज्य के पास रोजाना 3 हजार टन ऑक्सिजन निर्मिती की क्षमता है. जिसे पूरी तरह से चाक-चौबंद किया जा रहा है.

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