अमरावतीमहाराष्ट्र

प्रत्येक गांव में 50 ‘जलतारा’

मग्रारोगायो अंतर्गत किसानों को होगा लाभ

* भूजल स्तर भी बढेगा
अमरावती /दि. 30– बारिश के पानी का भूगर्भ में पुनर्भरण होकर भूजल स्तर बढे इस हेतु जिले के प्रत्येक गांव में 50 ‘जलतारा’ गड्ढे खोदे जाएंगे. एमआरईजीएस अंतर्गत ऐसे प्रत्येक जलतारा गड्ढे हेतु किसानों को 4800 रुपए का अनुदान दिया जाएगा. साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना अंतर्गत किए जानेवाले इस कार्य के चलते ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों हेतु रोजगार भी उपलब्ध होगा. साथ ही साथ इस योजना के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में भूगर्भीय जल स्तर में भी अच्छा-खासा इजाफा होगा.
इस संदर्भ में उपजिलाधीश (रोगायो) ज्ञानेश घ्यार ने हाल ही में संबंधित महकमें की बैठक लेकर इस योजना के तहत किए जानेवाले कामों व योजना के लक्ष्य की निश्चिती को लेकर चर्चा की. जिसमें तय किया गया कि, जिले में कम से कम डेढ लाख जलतारा गड्ढे खोदे जाएंगे. जिनका उपयोग जलस्त्रोतों के पुनरुज्जीवन, जलसंगहन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सहित अन्य उपायों पर अमल करते हुए भूजल स्तर बढाने हेतु किया जाएगा. जलस्त्रोतों के पुनरुज्जीवन हेतु इस अभियान के अंतर्गत 4 फीट लंबे, 4 फीट चौडे व 6 फीट गहरे गड्ढे की खुदाई करनी होगी. जिसके बाद की प्रक्रिया हेतु संबंधित किसान के बैंक खाते में 4800 रुपए जमा कराए जाएंगे.

* ऐसा रहेगा जलतारा गड्ढा
बारिश का पानी खेतों में ढलान वाले स्थान पर जमा हो जाता है. ऐसे में उसी स्थान पर 4 फीट लंबा, 4 फीट चौडा व 6 फीट गहरा शोष गड्ढा तैयार करना होगा. किसानों द्वारा खुद श्रमदान करते हुए तैयार किए गए इस गड्ढे में पत्थर भरने होंगे. इस गड्ढे में एक एकड क्षेत्र का पानी जमा होगा. जो भूगर्भ में रिझते हुए इसका भूगर्भ में पुनर्भरण होगा.
इस जरिए संबंधित खेत के साथ ही संबंधित गांव का भूगर्भीय जलस्तर बढने में सहायता होगी. साथ ही इस काम हेतु किसानों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 4800 रुपए की अनुदान राशि भी मिलेगी.

* बारिश का पानी व्यर्थ बहने की बजाए खेतों में ही जमा करते हुए इसका भूगर्भ में पुनर्भरण करने से खेत सहित गांव के भूगर्भीय जलस्तर में वृद्धि होगी. जिससे किसानों सहित ग्रामीणों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पडेगा और उनकी आर्थिक उन्नती की राह भी खुलेगी.
– ज्ञानेश घ्यार, उपजिलाधीश (रोगायो)

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