अमरावती

रापनि में केवल 8 कोरोना मृतकोें के परिवारों को मिली 50 लाख की सहायता

समूचे राज्य में रापनि के 107 कर्मियों की कोरोना से हुई है मौत

अमरावती/दि.30 – लॉकडाउन काल के दौरान राज्य परिवहन महामंडल द्वारा घोषणा की गई थी कि, यदि रापनि के किसी भी कर्मचारी की कोविड संक्रमण के चलते मृत्यु होती है, तो संबंधित परिवार को 50 लाख रूपयों का बीमा सुरक्षा कवच दिया जायेगा. पश्चात कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन काल के दौरान रापनि के 107 कर्मचारियों की कोविड संक्रमण के चलते मौत हुई, किंतु अब तक केवल 8 परिवारों को ही 50 लाख रूपयों की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, वहीं शेष 99 परिवार अभी बीमा सुरक्षा राशि से वंचित है.
बता दें कि, लॉकडाउन काल के दौरान रापनि कर्मचारियों ने परप्रांतिय मजदूरों को उनके राज्यों की सीमा तक पहुंचाया तथा अनलॉक के बाद अब कोविड संक्रमण की दूसरी लहर जारी रहने के दौरान भी रापनि कर्मियों द्वारा यात्रियों को अपनी सेवाएं दी जा रही है. लॉकडाउन काल के दौरान यात्रियों के संपर्क में आकर कोविड संक्रमण की वजह से मौत होने पर अपने कर्मचारियों को 50 लाख रूपयों का बीमा सुरक्षा कवच देने का निर्णय राज्य परिवहन निगम द्वारा लिया गया था. जिसमें चालक, वाहक, यातायात नियंत्रक, सहायक यातायात निरीक्षक व सुरक्षा रक्षक जैसे कर्मचारियों का समावेश है. राज्य में रापनि के करीब 1 लाख कर्मचारी है. जिनमें से 23 मार्च 2020 से 27 मार्च 2021 के दौरान 4 हजार 500 कर्मचारी कोविड संक्रमण की चपेट में आये और 107 कर्मियों की इस संक्रमण के चपेट में आने से मौत हुई. ऐसे में संबंधित कर्मियों के परिजनों द्वारा बीमा राशि का लाभ मिलने हेतु रापनि के पास दावा किया गया. जिसके बाद रापनि की ओर से बताया गया कि, इस बीमा कवच का लाभ मिलने हेतु संबंधित कर्मचारी द्वारा संक्रमित होने से पहले लगातार चौदह दिन की ड्यूटी पर रहना जरूरी है. ऐसे में इस शर्त की वजह से 107 में से केवल 8 कर्मचारियों के परिजनों को ही 50 लाख रूपये के बीमा कवच का लाभ मिल पाया है. वहीं अन्य 99 परिवार इस लाभ से वंचित है. ऐसे में कर्मचारी संगठनों द्वारा मांग की जा रही है कि, महामंडल द्वारा इस नियम को शिथिल करते हुए शेष परिवारों को भी बीमा लाभ दिया जाये. कर्मचारी संगठनों ने महामंडल के नियमों को अन्यायकारक बताते हुए कहा कि, लॉकडाउन काल के दौरान रापनि बसों की कई फेरियां रद्द कर दी गई थी. ऐसे में कई कर्मचारियों को लगातार चौदह दिन की ड्युटी नहीं मिली. साथ ही एसटी का हर कर्मचारी रोजाना लगभग 400 से 500 यात्रियों के संपर्क में आता है और एक दिन में भी कोविड संक्रमण की चपेट में आ सकता है. ऐसे में राज्य परिवहन मंडल द्वारा चौदह दिनों की शर्त को शिथिल कर कोरोना से अब तक मृत हुए सभी रापनि कर्मियोें के परिजनों को बीमा कवच का लाभ दिया जाना चाहिए.

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