डीडी घोटाला मामले में जिला परिषद के 50 ठेकेदारों को दूसरी नोटीस
अमरावती/दि.30- जिला परिषद की सुरक्षा निधी मामले में 87 ठेकेदारों को स्पष्टीकरण पेश करने का आदेश जांच समिती द्वारा दिया गया था. परंतू तय अवधि के भीतर इसमें से करीब 50 ठेकेदारों ने अपने स्पष्टीकरण पेश नहीं किये है. ऐसे में उन्हें अंतिम अवसर देते हुए दुबारा स्मरण पत्र दिया गया है और अब सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण पेश नहीं करने पर संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. ऐसी जानकारी अतिरिक्त सीईओ संतोष जोशी द्वारा दी गई. जो इस मामले की जांच कर रहे है.
बता दें कि, जिला परिषद में किसी भी निर्माण कार्य की निविदा स्वीकार करते समय बिल की रकम पर संबंधित ठेकेदार को तय समय के भीतर डीडी के तौर पर सुरक्षा निधी जमा करानी होती है. किंतु कई ठेकेदारों ने तय समय के भीतर सुरक्षा निधी के डीडी जमा नहीं करवाये. वहीं कुछ लोगों ने तो सुरक्षा निधी ही नहीं भरी, ऐसी जानकारी इस संदर्भ में की गई जांच-पडताल में सामने आयी है. ऐसे में इसे लेकर जवाबदेही तय करने हेतु सीईओ द्वारा सात सदस्यीय समिती का गठन किया गया और इस समिती ने पहले चरण में तत्कालीन कार्यकारी अभियंता सहित शाखा अभियंता, कनिष्ठ लेखा सहायक व दो कनिष्ठ लेखा अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें स्पष्टीकरण पेश करने के आदेश जारी किये. साथ ही अडगोकार व गायकवाड नामक दो कर्मचारियों को निलंबीत किया गया. वहीं तत्कालीन कार्यकारी अभियंता व एक कनिष्ठ लेखाधिकारी के सेवानिवृत्त हो जाने के चलते उन पर कार्रवाई करने हेतु सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया. इसके अलावा इस काम से संबंधित 87 ठेकेदारों को भी 15 दिन के भीतर समिती के समक्ष स्पष्टीकरण पेश करने हेतु कहा गया था. किंतु तय अवधि बीत जाने के बावजूद संबंधितों की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है. ऐसे में अब उन्हें जांच समिती द्वारा आखरी मौका प्रदान करते हुए स्मरण पत्र जारी किया गया है और इसके बाद भी कोई खुलासा नहीं होने पर संबंधितों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जायेगी.
वहीं इस दौरान शेष 37 ठेकेदारों द्वारा अपने स्पष्टीकरण के साथ ही ब्याज की रकम भी जमा करा दी गई है. वहीं अब अन्य 50 ठेकेदारों की ओर से स्पष्टीकरण दिये जाने के बाद इसे लेकर सुनवाई करते हुए अगली कार्रवाई की जायेगी. ऐसे में इस मामले में किन-किन लोगों पर कार्रवाई होती है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.