* 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा
अमरावती/दि.26 – अमरावती जिला परिषद में ठेकेदारों द्बारा भरे जाने वाले डिपॉझिट राशि में अनियमितता प्रकाश में आने के बाद संबंधित 87 ठेकेदारों को नोटीस जारी कर खुलासा मांगा गया था. लेकिन इन में से 50 ठेकेदारों ने अब तक अपना खुलासा प्रस्तुत नहीं किया है. जिससे उन्हें अंतिम महोलत देते हुए आगामी 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने के नोटीस दिये गये है. लेकिन 7 दिनों के भीतर संबंधित ठेकेदारों ने अपने खुलासे पेश नहीं किये, तो फिर जिला परिषद द्बारा संबंधितों पर एकतर्फा कार्रवाई की जाएगी. ऐसी जानकारी जिप के अतिरिक्त सीईओ संतोष जोशी ने बताया.
निर्माणकार्यों के ठेके लेते वक्त संबंधित ठेकेदार को बिलों रकम की राशि डिपॉझिट के रुप में जमा करनी पडती है. डीडी स्वरुप में यह सुरक्षा रकम जमा करने का प्रावधान है. लेकिन जिप ठेकेदारों ने यह सुरक्षा डिपॉझिट भरा नहीं है. कुछ ठेकेदारों ने कम पैसे जमा किये है. यह मामला जांच में उजागर होने के बाद इस अनियमितता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया. प्राथमिक जांच में तत्कालीन कार्यकारी अभियंता प्रशांत गावंडे समेत शाखा अभियंता राजु अडगोकार, कनिष्ठ सहायक वी. टी. गायकवाड व अन्य कनिष्ठ लेखा अधिकारी पर दोषारोपन कर उन्हें अपने खुलासे प्रस्तुत करने के आदेश दिये गये है. उसी प्रकार संबंधित कामों के 87 ठेकेदारों को भी 15 दिनों के भीतर अपने-अपने खुलासे समिति के सामने प्रस्तुत करने थे. इनमें से अडगोकार व गायकवाड को निलंबित किया गया है. तत्कालीन कार्यकारी अभियंता व एक कनिष्ठ लेखाधिकारी यह दोनों सेवा निवृत्त रहने से उन पर कार्रवाई के लिए शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है. साथ ही जिन 87 ठेकेदारों में से 50 ठेकेदारों ने अब तक अपने खुलासे पेश नहीं किये, ऐसे ठेकेदारों को अंतिम महोलत देते हुए सात दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये गये है. जिससे इस मामले में अब और कितने अधिकारियों पर कार्रवाई होती है, यह देखना है.