अमरावती

4 माह में 50 फीसद बढे श्वसन रोग के मरीज

सिमेंट रास्तों की धूल व वाहनों का प्रदूषण साबित हो रहे मुख्य वजह

अमरावती/दि.1 – इन दिनों शहर में हर ओर सिमेंट के रास्ते दिखाई देने लगे है. किसी छोटी गली अथवा बडे रास्ते पर सिमेंट की सडक बनाने का चलन शुरु हो गया है. लेकिन अब सिमेंट की सडकों के दुष्परिणाम दिखाई देने लगे है. विगत 4 माह में रास्तों से उडने वाली सिमेंट की धूल के चलते श्वसन रोग के मरीजों में 50 फीसद की वृद्धि हुई है. हालांकि इससे पीछे वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण भी मुख्य वजह है.

* टायर के घर्षण से बढ रहे है कणयुक्त प्रदूषक
– टायर व सिमेंट रास्तों के घर्षण की वजह से कणयुक्त प्रदूषक निर्माण होते है और यह धूलकण वातावरण में उडते है, जो श्वसन मार्ग के जरिए फेफडों तक पहुंचते है. इसके अलावा इस घर्षण की वजह से ध्वनी प्रदूषण की मात्रा में भी इजाफा होता है.
– सिमेंट में तापमान शोषण की स्वाभाविकता रहने के चलते शहरी क्षेत्र में सिमेंट रास्तों की वजह से तापमान में वृद्धि भी दर्ज की जा रही है. जिसके चलते जमीन के स्तर पर ओझोन का प्रमाण बढकर श्वसन विकार का प्रमाण बढ रहा है.

* स्वास्थ्य पर होते है यह परिणाम
– वायू प्रदूषण की वजह से श्वसन नलिका संबंधि विकार, कफ बढना, छींक आना, श्वास लेने में तकलीफ होना, ब्रॉन्कायटिस, अस्थ्मा-सीएओपीडी की बीमारी बढना, गले व नाक में तकलीफ होना, हृदय विकार, त्वचा संबंधि विकार एवं आंखों से संबंधित समस्या जैसे लक्षण प्रमुख तौर पर दिखाई देते है.
– ओझोन के बढते स्तर की वजह से विशेष तौर पर अस्थमा के मरीजों मेें अटैक आने की संभावना बढ जाती है. साथ ही धुम्रपान नहीं करने वाले भी 20 फीसद लोगों को भी इस प्रदूषण की वजह से फुफ्फुस का कैंसर होने की भी संभावना होती है.

* क्या करना जरुरी
– सार्वजनिक परिवहन के साधनों को प्रोत्साहन देना.
– प्रदूषण मुक्त तंत्रज्ञान को प्रोत्साहन देना.
– रास्तें पर मास्क का प्रयोग करना.
– एयर फिल्टर का प्रयोग करना.
– किसी भी तरह की बीमारी का लक्षण दिखाई देते ही वैद्यकीय मार्गदर्शन व सहायता प्राप्त करना.

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