अमरावतीमहाराष्ट्र

प्रत्येक प्रभाग में 50 सफाई कर्मी कम्पलसरी

मानव संसाधन तय करने के कडे निर्देश

* एक प्रभाग में अब कम से कम 50 कर्मचारी अनिवार्य
* दो दिनों में ठेकेदारों को मिलेंगे आयुक्त के लिखित आदेश
अमरावती /दि.16– शहर में सफाई की दयनीय स्थिति को देखते हुए आठ-दस दिन पहले मनपा में आयोजित बैठक में दोनों विधायकों ने मनपा प्रशासन को आड़े हाथों लिया था. इसके बाद मनपा प्रशासन ने संज्ञान लिया और जोनवार सफाई ठेका टेंडर में त्रुटियों को सुधारने का निर्णय लिया और अब एक वार्ड में 50 तथा एक जोन में 200 से 250 कर्मचारी अनिवार्य रूप से रखने का निर्णय लिया है. अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाईक (सफाई प्रभारी) ने इस संबंध में मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे को रिपोर्ट सौंपी है. तदनुसार, आयुक्त अगले एक-दो दिन में सभी सफाई ठेकेदारों को इस संबंध में आदेश जारी करेंगे. इस प्रकार, अब शहर के सभी पांचों जोनों में ठेकेदारों और पालिका कर्मचारियों सहित कुल 1,737 से अधिक कर्मचारी नजर आएंगे. महानगर पालिका में हाल ही में पहले विधायक सुलभा खोड़के और उसके तुरंत बाद विधायक रवि राणा ने बैठक ली थी. इसके बाद कांग्रेस पदाधिकारी बबलू शेखावत, विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे के नेतृत्व में बैठक हुई थी. इन सभी बैठकों में मुख्यत: साफ-सफाई के मुद्दे पर मनपा प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया था.
साफ-सफाई निविदा प्रक्रिया में मैनपॉवर का उल्लेख नहीं होने के कारण संपूर्ण प्रक्रिया ही गैरकानूनी होने का आरोप भी लगाया गया था. इसकी दखल लेते हुए मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे ने साफ-सफाई की जिम्मेदारी संभालने वाली अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाईक को इस संबंध में अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे. इसके अनुसार अतिरिक्त आयुक्त नाईक ने साफ-सफाई निविदा प्रक्रिया को बारीकी से समझा और मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे को अपनी रिपोर्ट पेश की.
अमरावती महापालिका में 5 जोन हैं. इसमें जोन क्रमांक 1 रामपुरी कैम्प व जोन 5 भाजी बाजार का ठेका श्री नागरिक सेवा सह.संस्था, जोन 2 राजापेठ व जोन 4 बडनेरा का ठेका गोविंदा सह.संस्था और जोन 3 दस्तूर नगर का ठेका क्षितिज सह.संस्था को दिया गया है. इन सभी को ठेका देते निविदा प्रक्रिया में कहीं पर भी मैनपॉवर का उल्लेख नहीं किया गया है. इसके चलते जोन में कितने कर्मचारी होने चाहिए इस संबंध में ठेकेदार पर कोई बंधन नहीं है. इसके चलते ही विगत विधानसभा चुनाव में विरोधी पक्ष ने भी मनपा प्रशासन पर निशाना साधा था. इतना ही नहीं विगत एक पखवाड़े में हुई तीनों बैठकों में साफसफाई पर ही मनपा प्रशासन की खिंचाई करते हुए मैनपॉवर का उल्लेख नहीं किए जाने पर इस निविदा प्रक्रिया के ही गैरकानूनी होने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद मनपा आयुक्त कलंत्रे ने अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाईक को साफ-लफाई निविदा प्रक्रिया को समझ कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे.

* …तो दंडात्मक कार्रवाई
सफाई टेंडर के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त हुई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक वार्ड में कम से कम 50 कर्मचारी रखने के लिए संबंधित सफाई ठेकेदारों को अधिकारियों के माध्यम से मौखिक आदेश दिए गए हैं. अगले एक-दो दिन में ठेकेदारों को लिखित आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे. इस आदेश के बाद प्रत्येक वार्ड में न्यूनतम 50 तथा प्रत्येक जोन में 200 से 250 कर्मचारी अनिवार्य होंगे. आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
– सचिन कलंत्रे, आयुक्त

* प्रत्येक जोन में 200-250 कर्मी
जोन 1 रामपुरी कैम्प में 5 प्रभाग आते हैं. इस अनुसार प्रत्येक प्रभाग में 50 कर्मचारी के हिसाब से पांच प्रभाग में प्रत्येकी 50 के अनुसार 250 कर्मचारी ठेकेदार के तो साफ-सफाई करने के लिए मनपा के स्थायी 121 कर्मचारी सहित कुल 371 कर्मचारी रहेंगे. जोन 2 राजापेठ में 4 प्रभाग हैं. इसके हिसाब से यहां पर ठेकेदार के 200 और मनपा के स्थायी 173 इस प्रकार कुल 373 कर्मचारी रहेंगे. जोन 3 दस्तूर नगर में 4 प्रभाग हैं. इस हिसाब से यहां 200 कर्मचारी ठेकेदार के और मनपा के स्थायी 97 सहित कुल 297 कर्मचारी रहेंगे. जोन 4 बडनेरा में 4 प्रभाग हैं. इसके अनुसार यहां पर 200 ठेकेदार के और मनपा के स्थायी 113 सहित कुल 313 कर्मचारी रहेंगे. इसी प्रकार जोन 5 भाजी बाजार में 5 प्रभाग हैं. यहां पर 250 ठेकेदार के और मनपा के स्थायी 133 मिलाकर कुल 383 कर्मचारी साफ- सफाई करेंगे. इसी पद्धति से कुल 5 जोन में अब साफ-सफाई के लिए 1737 कर्मचारी काम करेंगे. हालांकि, मनपा के स्थायी साफ-सफाई कर्मचारी केवल रोड की साफ-सफाई के काम ही करेंगे.
इस बीच साफ-सफाई ठेकों के संबंध में अतिरिक्त आयुक्त नाईक की रिपोर्ट पर मनपा प्रशासन अलर्ट हो गया है. साफ-सफाई के कार्यों की देखरेख के लिए आयुक्त सहित अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त मेघना वासनकर, सहा, आयुक्त और इसी प्रकार अन्य मनपा अधिकारियों को भी रास्ते पर उतारने की तैयारी मनपा ने शुरू कर दी है. इसके चलते साफ-सफाई ठेकेदारों में हड़कम्प मच गया है. मनपा आयुक्त के आदेश के बाद वे क्या भूमिका अपनाते हैं, इस पर सभी की निगाहें लगी हैं.

 

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