अमरावती

पेसा क्षेत्र में आदिवासियों के लिए 50% जगह अनिवार्य

ट्रायबल फोरम की समर्पित आयोग से मांग

* घटनात्मक हक का मुद्दा
अमरावती/दि.25- अनुसूचित क्षेत्र की ग्रामपंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद, नगरपंचायत, नगर परिषद इन स्थानिक स्वराज्य संस्था में आदिवासियों के लिए पेसा कानून 1996 के 4 (छ) एवं संविधान के नियोजननुसार आदिवासी सदस्यों की जगह आरक्षित रखने की मांग ट्रायबल फोरम संगठना ने की है.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार राज्य की स्थानिक स्वराज्य संस्थाओं में नागरिकों के पिछड़ा प्रवर्ग के आरक्षण के लिए गठित समर्पित आयोग के सदस्य सचिव पंकजकुमार को राज्यभर से ट्रायबल फोरम इस संगठना के पदाधिकारियों ने ई-मेल द्वारा पत्र भेजकर मांग की है. आयोग ने 31 मई तक अभिवेदन, सूचना मांगी है. इस पार्श्वभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका क्र. 980/2019 व 19756/2001 इस निर्णय में अनुसूचित जाति, जमाति के आरक्षण के संदर्भ में दिये गए निर्देश की ओर ट्रायबल फोरम ने आयोग का ध्यानाकर्षित किया है.
संविधान के पांचवी अनुसूची के अनुसार राज्य के 13 जिलों में 23 तहसीलें पूर्णतः एवं 36 तहसीलें अंशतः महामहिम राष्ट्रपति ने 2 दिसंबर 1985 को घोषित किये अनुसूचित क्षेत्र में आती है. पंचायत संबंधी प्रावधान संविधान (73 वीं सुधारना) अधिनियम 1992 संविधान में समाविष्ट की गई है. पेसा कानून 1996 के पॅरा 3 एवं 4 के अनुसार संविधान में कुछ भी हो फिर भी पंचायत संबंधी पेसा कानून के प्रावधान से विसंगत कानून नहीं करेगा, ऐसा निवेदन में कहा गया है.

इस तरफ भी आयोग का ध्यानाकर्षित किया
– सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र जिला परिषद एवं पंचायत समिति कानून 1961 के चुनाव संबंधी दफा 12 (2)(सी) संबंध में वहीं संविधान अनुच्छेद 243डी, 243 टी,14 एवं 16 नुसार निर्णय दिये जाने से संविधान भाग 9 एवं संविधान भाग 9 क के सभी स्थतानिक स्वराज्य संस्था आरक्षण रिव्ह्यू करना आवश्यक है.
– नौकरी के अनुसूचित जाति, जमाति एवं राज्य ने नौकरी में ओबीसी, विमुक्त जाति, भटक्या जमाति को आरक्षण दिया है. वे सभी आरक्षण रिव्ह्यू करना अनिवार्य है.
– राज्यपाल ने 29 अगस्त 2019 को जारी किए नौकर भर्ती अधिसूचना सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के कारण निष्प्रभ हुई है.

संसद ने अनुसूचित क्षेत्र के लिए 25 वर्ष पूर्व तैयार किये पेसा कानून को केंद्रबिंदू मानकर महाराष्ट्र ग्रामपंचायत अधिनियम 1958 एवं महाराष्ट्र जिला परिषद व पंचायत समिति अधिनियम 1961 में राज्य के अनुसूचित क्षेत्र को सुसंगत होगा ऐसा उचित सुधार करना आवश्यक है.
– एड. प्रमोद घोडाम, अध्यक्ष, ट्रायबल फोरम

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