रिध्दपुर/दि.23– रिध्दपुर की अनूठी भक्तिमय यात्रा शुरू हो गई है. जिले के साथ-साथ देश के कई राज्यों से महानुभाव पंथीय पधारे हैं. एक अनुमान के अनुसार रविवार को 50 हजार श्रध्दालु यहां पहुंचे. जो श्रीप्रभु और श्रीचक्रधर स्वामी को नमन करने पधारे है.
यात्रा की विशेषताएं इस यात्रा की प्रमुख विशेषताओं में राजमठ से प्रसाद वंदन, विशेष वंदन और उपहार, क्षेत्र के लगभग 300 मंदिरों के अष्टजय और स्थानदर्शन के अष्ठतीर्थो की आरती होती है. भारत में गुरु-शिष्य परंपरा अत्यंत स्नेह और आत्ममिलन की परंपरा है. परंपरा के साक्षी यह यात्रा महानुभाव पंथीयों की दृष्टी से महत्वपूर्ण है. पंथ के संस्थापक एवं प्रवर्तक श्री चक्रधर स्वामी संप्रदाय के प्रचार के लिए महाराष्ट्र भ्रमण करते हुए रिध्दपुर आए थे. यहां श्री प्रभू से मिले और उन्हें अपना गुरु माना.
अन्य विशेषताएं
महानुभव संप्रदाय के पंच परमेश्वर के स्पर्श से धन्य स्थानों की शिलाओं को देवपूजा में रखा जाता है. इसे विशेष कहा जाता है. 21 महानुभव मठो की ओर से प्रसाद वंदन किया जाता है. इसके लिए राजमठ मंदिर सहित सभी मठो के सामने भक्तों की लंबी कतारे लगती है. इस यात्रा में मनोरंजन के कोई साधन नहीं होते. केवल भक्तों की भीड इस यात्रा का मुख्य आकर्षण है.
बगैर चप्पल पहने करते हैं 50 किमी यात्रा
यात्रा में समस्त विदर्भ से महानुभाव पंथ के लोग अष्टजय तीर्थ स्थानों के दर्शन एक ही समय मेें पैदल और बिना चप्पल पहने करते है. इसके लिए लगभग 50 किमी. मार्ग जंगलो से होकर गुजरता है. जिला पुलिस ने यहां सुरक्षा कर्मी तैनात किए है. बंदोबस्त लगाया है. रिध्दपुर में शीघ्र ही मराठी विश्वविद्यालय साकार होने जा रहा है.