अमरावती दि. 14 – कोरोना महामारी की पहली व दूसरी लहर के चलते पिछले डेढ सालों से राज्य की शालाएं बंद कर दी गई थी. ऐसे में जून महीने से पुन: शाला शुरु की गई वहीं तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढने पर पुन: शालाएं बंद कर दी गई. राज्य सरकार व्दारा सभी शालाएं 15 फरवरी तक बंद किए जाने का निर्णय लिया गया. जिसमें विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है. ऑनलाइन शिक्षा की वजह से पहले ही विद्यार्थियों का काफी नुकसान हो चुका है. ऑनलाइन शिक्षा के चलते विद्यार्थियों को मोबाइल की भी आदत पड चुकी है. जिसमें शालाओं में 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति रखकर शाला शुरु किए जाने की मांग कुछ शिक्षक संगठनाओं और पालकों व्दारा की जा रही है.
पहले ही विद्यार्थी पिछले डेढ साल से घर में ही कैद थे. अब तीसरी लहर के चलते लगाए गए प्रतिबंध को लेकर मॉल्स, होटल, सिनेमागृह, नाट्यगृह को 50 प्रतिशत की छूट दी गई है. किंतु शालाओं को पूर्णत: बंद कर दिया गया है. जिसमें विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है. विद्यार्थियों का नुकसान न हो इस बात को ध्यान में रखकर 50 प्रतिशत उपस्थिति में शाला शुरु करने की अनुमति दी जाए ऐसी मांग शिक्षक संगठनाओं व पालकों व्दारा की जा रही है. पिछले डेढ साल से सभी विद्यार्थी घरों में ही कैद थे अब फिर शालाएं बंद किए जाने से उनकी शिक्षा का नुकसान हो रहा है.