अमरावती

51 फीट उंचे नरकारसुर के पुतले का दहन

बडनेरा के सावता मैदान में 85 वर्षों से चली आ रही परंपरा

हजारों की संख्या में उमडी भीड, जय श्रीराम के लगे जोरदार नारे
अमरावती-/ दि.26  लगभग 85 वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बडनेरा के सावता मैदान पर मंगलवार को हजारों नागरिकों की उपस्थिति में नरकासूर का दहन समारोह हुआ. श्री सावता युवक मंडल द्वारा आयोजित श्री राम विजय उत्सव के इस कार्यक्रम में 51 फुटी नरकासुर का पुतला आकर्षण का केंद्र रहा, जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष में रात ठीक 8.15 बजे नरकासुर के पुतले का दहन किया गया.
श्रीराम विजय उत्सव का आयोजन भाजपा के जयंत डेहणकर, प्रा. विजय नागपुरे व महोत्सव के अध्यक्ष सुजय पवार, नितिन कदम, व्यवसाय व शिक्षण विभाग के तत्कालीन सहसंचालक नरेंद्र येते, राहुल श्रृंगारे, थानेदार बाबाराव अवचार, नीलकंठ कात्रे, उत्तमराव भैसने, गंगालाई भैसने, छायाताई अंबाडकर मंचासीन से इन सभी के संयुक्त तत्वावधान में नरकासुर का दहन किया गया. सावता मैदान पर इस आयोजन के लिए जबरदस्त भीड़ उमड पडी. जिसके कारण पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त रहा. शाम 6 से ही सावता मैदान पर 51 फुटी नरकासुर को देखने के लिए भीड़ जमने लगी, जिस समय मंच से धनुष्यबाण चलाकर नरकासुर का दहन किया गया. उस समय नरकासुर की प्रतिमा में धूमधडाम के साथ जोरदार आतिशबाजी हुई. जिसे देखकर सभी मोहित हो उठे लगभग 85 वर्षों से नरकासुर दहन किया जा है.

रामायण का भी आयोजन किया जाता है
सावता मैदान में श्री सावता युवक मंडल द्वारा आयोजित श्रीराम विजय उत्सव समिति का यह कार्यक्रम अष्टमी से शुरू हो जाता इस कार्यक्रम के अंतर्गत सतना उमड़ पड़ी थी. जिसके कारण पुलिस मे आये रामप्रसाद पांडे के नेतृत्व में 10 से 15 कलाकारों की टीम रामायण का मंचन करती है. यह नाटिका देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. पिछले 20 वर्षों से रामप्रसाद पांडे सावता मैदान में यह नाटिका कर रहे हैं जिस तरह पुरानी फिल्मों में किसी गांव या कस्बे में नाटिका दिखायी जाती है. ठीक उसी तर्ज पर सावता मैदान में नाटिका दिखाने की यह परंपरा आज भी बरकरार है.

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