अमरावतीमहाराष्ट्र

पश्चिम विदर्भ के बांध में 51 प्रतिशत पानी

देरी से बारिश होने पर हो सकती है जल किल्लत

अमरावती/दि.29– हाल ही में भारी बारिश होने के बावजुद भी फरवरी के अंत में अनेक शहरो में जलापूर्ती करने वाले बांधो में पानी की कमी देखी जा रही है. जिसके कारण पश्चिम विदर्भ के बडे मध्यम व लघु प्रकल्पों में 51.45 प्रतिशत जल संग्रह है. अमरावती शहर में जलापूर्ती करने वाले अप्पर वर्धा बांध में सिर्फ 60 प्रतिशत पानी बाकि बचा है.

हाल ही में पानी कटौती की आशंका नही है, फिर भी जून व जुलाई में बारिश कितनी होती है, इस पर जलापूर्ती का नियोजन ठहरता है. बारिश के आगमन को देरी होने से पानी की कटौती का समय अनेक शहर पर आ सकता है. बुलढाना जिले में स्थिती गंभीर रहने से इस स्थान पर 47 बांधो में 127.82 दलघमी यानी 27.90 प्रतिशत पानी जल संग्रह है. अमरावती विभाग के सभी बडे, मध्यम व लघु सिंचन प्रकल्प में 51.45 प्रतिशत जल संग्रह है. पिछले 1 दिसंबर को विभाग के सिंचन प्रकल्प में 74.64 प्रतिशत जल संग्रह था. इस तीन महिने में पानी की बचत में 23 प्रतिशत की कमी आई है. पश्चिम विदर्भ में कुल 9 बडे प्रकल्प में से अभी 716.79 दलघमी यानी 51.20 प्रतिशत ही जल संग्रह है. विगत वर्ष इसी कलावधी में 64 प्रतिशत था. विभाग के 27 प्रकल्प में वर्तमान में 47.85 दलघमी यानी 55.44 प्रतिशत जल संग्रह है. विगत वर्ष यह 73 प्रतिशत था. कुल 246 लघू प्रकल्प में 441.69 दलघमी यानी 48 प्रतिशत जल संग्रह बाकी है. विगत वर्ष इस कलावधी में 64 प्रतिशत की स्थिती थी.

छोटे-बडे बांधों से बुझाई जाती शहर की प्यास
अमरावती विभाग के अप्पर वर्धा सहित कोटेपूर्णा, वान, खडकपूर्णा, नलगंगा, पेनटाकली, अरुणावती, बेंबला, इसापूर, पूस सहित दस बडे प्रकल्प है. अनेक मध्यम प्रकल्प के माध्यम से शहर की प्यास बुझाई जाती है. सिंचन प्रकल्प अक्टुबर के आखिरी में पुरी क्षमता से भरे होने से व वर्ष भर जलापूर्ती शुरु रहती है. प्रकल्प पूर्ण क्षमता से भरे नहीं तो पानी की कटौती करने की नौबत भी आ सकती है.

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