अमरावती

अप्पर वर्धा जलाशय में 52.31 प्रतिशत पानी

आधे जिले को होगी जलापूर्ति, गर्मी की तीव्रता बढी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३ – अमरावती शहर समेत लगभग आधे जिले की प्यास बुझाने वाले जिले के सबसे बडे अप्पर वर्धा जलाशय में फिलहाल 52.31 प्रतिशत पानी है. यह साठा समाधानकारक रहने से जलापूर्ति में कोई भी बाधा आने की संभावना नहीं है. अप्पर वर्धा जलाशय से पानी के लिये, सिंचाई के लिए और औद्योगिक इस्तेमाल के लिए जलापूर्ति की जाती है. जलाशय की क्षमता 564.5 दशलक्ष घनमीटर है. 866 मीमी. बारिश जलाशय क्षेत्र में हुई थी. बारिश में जलाशय शतप्रतिशत भरा था. उसके बाद जलाशय के पानी का इस्तेमाल हुआ.
शुक्रवार 2 अप्रैल तक इस जलाशय में 295.7 दशलक्ष घनमीटर (52.31 प्रतिशत) पानी था. इस जलाशय से समूचे अमरावती शहर व बडनेरा शहर को पीने के पानी की आपूर्ति होती है. उसके अलावा वरुड, मोर्शी, तिवसा तहसील में भी जलापूर्ति होती है. इसके अलावा धामणगांव रेलवे तहसील समेत अन्य तहसील में सिंचाई के लिए, कुछ पानी वर्धा जिले के गांवों को तथा नांदगांव पेठ औद्योगिक वसाहत में रहने वाले रतन इंडिया औष्णीक विद्युत प्रकल्प के लिए पानी दिया जाता है. इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार अन्य कारखाने को भी पानी दिया जाता. ग्रीष्मकाल की आहट लगने पर सभी की नजरें इस जलाशय के जलसाठे पर लगी रहती है. इस बार जलाशय में समाधानकारक पानी रहने से जलापूर्ति में बाधा आने की संभावना नहीं है.

  • जिले के मध्यम जलाशयों की स्थिति

जिले में मध्यम प्रकल्प के रुप में पहचाने जाने वाले शहानुर जलाशय मेें 63.55, चंद्रभागा जलाशय में 63.27, पुर्णा प्रकल्प में 57.76, सापन जलाशय में 76.58 प्रतिशत पानी है. इन जलाशयों से परिसर के गांवों को पीने के पानी की तथा सिंचाई को भी पानी मिलने की संभावना है. उसके अलावा जिले में 84 लघु प्रकल्प है. इन प्रकल्पों में 2 अप्रैल तक औसतन 42.11 प्रतिशत पानी है. जिले के इस तरह कुल 90 प्रकल्पों में दिलासा दायक जलसाठा है.

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