अमरावती

बारिश की विपदा के कारण 52 लोगों की मौत

मृतक के वारिसदारों को प्रति 4 लाख रुपए

बिजली से 8 मरे, 7 को मिली सहायता                                                           अमरावती में सबसे ज्यादा 31 की मौत, 21 लोग बाढ में बहे
अमरावती दि.31 – इस वर्ष बारिश के मौसम में जून से सितंबर माह के बीच शरीर पर बिजली गिरने के कारण आठ लोगों की मौत हुई है. इन मृतकों के वारिसदारों को प्रति 4 लाख रुपए के अनुसार शासन से सहायता दी गई है. इसमें केवल एक मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण सहायता नहीं दी गई, ऐसा प्रशासन ने बताया.
प्राकृतिक विपदा में मौत हुई तो एनडीआरएफ के निष्कर्ष के अनुसार 4 लाख रुपए की शासन सहायता दी जाती है. जिले में इस बार बारिश के मौसम में प्राकृतिक विपदा के चलते 31 लोगों की मौत हुई है. इसमें से सबसे ज्यादा 21 लोगों की नदी नाले में आयी बाढ के कारण मौत हुई हेै. इसके अलावा शरीर पर दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. इस विपदा में मरने वालों में से केवल दो लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त होने के कारण शासन से सहायता नहीं मिल पायी. जिले में 5 जुलाई से बारिश शुरु थी. जिसमें औसतन 119 फिसदी बारिश दर्ज की गई हेेै. इस बार बारिश के चार माह में मेलघाट छोडकर सभी तहसील में औसत से अधिक बारिश हुई. इस बीच 84 राजस्व मंडल में अतिवृष्टि के कारण मृतक के परिवारों को सहायता होने से 31 लोगों को नुकसान हुआ है. मृतक के परिवारों को सहायता दी गई है.

ऐसी सहायता है
– मौत होने पर 4 लाख रुपए
– 7 प्रतिशत से ज्यादा विकलांग होने पर 2 लाख रुपए
– 40 से 60 प्रतिशत विकलांग हुए तो 51,900 सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में रहे तो 12 हजार 700 रुपए
बॉक्स
प्राकृतिक विपदा में मौत
प्राकृतिक विपदा के चलते 176 छोटे, बडे मवेशियों की मौत हुई है. जिसमें 118 बडे, दुधारू मवेशी व मेहनती काम करने वाले 24, छोटे दुधारु 25 मवेशियों की मौत हो गई. इसके अलावा मुर्गी पालन में 10,246 पक्षियों की मौत हुई है. इसके लिए एनडीआरएफ के निष्कर्ष के अनुसार शासन की सहायता दी गई हेै.

चार लोगों को मिले प्रति 4 लाख
विपदा में व्यक्ति की मौत हुई तो एनडीआरएफ निष्कर्ष के अनुसार प्रति 4 लाख की सहायता मृतक के वारिसदार को दी जाती है. जिले में आठ लोगों की बिजली गिरकर मौत हुई. इस मामले में शासन की ओर से सात लोगों का सहायता दी गई और एक मामला प्रलंबित है. इसी तरह बाढ में बह जाने के कारण 21 लोगों की मौत हुई हैं. इसमें से एक व्यक्ति की पोस्टमार्टम प्राप्त न होने के कारण उसके वारिसदार को शासन की सहायता नहीं मिल पायी है.

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