
-
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार की जा रही खोजबीन
-
प्रवासी नागरिकों को किया जा रहा कोरोंटाईन
अमरावती/दि.9 – इस समय दूनिया के कई देशों में कोविड वायरस के ओमीक्रॉन नामक नये वेरियंट का संक्रमण व्याप्त है और विदेशों से महाराष्ट्र वापिस लौटे कई प्रवासी नागरिकों में इस वायरस का संक्रमण पाया जा चुका है. जिसके चलते स्वास्थ्य महकमा अब पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. साथ ही सरकार की ओर से दी जानेवाली सूची के आधार पर प्रवासी नागरिकों की खोजबीन करते हुए उनसे संपर्क किया जा रहा है, ताकि उन्हें होम आयसोलेशन में रखने के साथ ही वापसी के आठ दिनों पश्चात उनकी दूसरी आरटीपीसीआर टेस्ट की जा सके. पता चला है कि, विगत 15 दिनों के दौरान अमरावती जिले में दूनिया के अलग-अलग देशों से करीब 53 प्रवासी नागरिकों की आमद हुई है. किंतु इनमें से 15 प्रवासी नागरिकों से स्थानीय प्रशासन का अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है. जिससे प्रशासन की चिंता काफी अधिक बढ गई है. वहीं शेष 38 प्रवासी नागरिकों से संपर्क करते हुए उन्हें फिलहाल होम आयसोलेशन में रखा गया है.
इस संदर्भ में गत रोज निगमायुक्त प्रशांत रोडे द्वारा बताया गया कि, विगत कुछ दिनों के दौरान 34 प्रवासी नागरिक विदेशों से अमरावती आये है. जिसमें से कुछ लोग अफिक्री देशों से लौटे है. इन सभी की विमानतलों पर ही आरटीपीसीआर टेस्ट की गई थी. जिसकी रिपोर्ट निगेटीव आने के बाद उन्हें आगे जाने दिया गया व होम आयसोलेशन में रहने हेतु कहा गया. साथ ही अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने के बाद स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने हेतु निर्देशित किया गया. इसके अलावा स्थानीय प्रशासन को भी सरकार की ओर से ऐसे प्रवासी नागरिकों की सूची भेजी गई. किंतु इसके बावजूद विदेशों से अमरावती शहर सहित जिले में वापिस लौटे 15 लोगों से मनपा व जिला प्रशासन का संपर्क नहीं हो पाया है. वहीं प्रशासन के साथ संपर्क में आये शेष 38 प्रवासी नागरिकों को इस समय होम आयसोलेशन में रखा गया है. जिनकी पहली आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटीव आयी है.
विमानतल पर ही 48 घंटे किया जाता है कोरोंटाईन
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए बाहरी देशों से आनेवाले यात्रियों की विमानतल पर उतरने के साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट की जाती है और उन्हें 48 घंटे के लिए कोरोंटाईन किया जाता है. इस दौरान उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटीव आने पर ही उन्हें अपने शहर जाने की अनुमति दी जाती है. जहां पर उन्हें होम आयसोलेशन में रहते हुए आठ दिन पश्चात एक बार फिर अपनी आरटीपीसीआर टेस्ट करानी होती है. जिसकी रिपोर्ट निगेटीव आने पर ही उनकी आयसोलेशन अवधि को समाप्त किया जाता है.
प्रशासन के साथ पुलिस भी लगी काम पर
विदेश से वापिस आने के बाद स्थानीय प्रशासन के संपर्क में नहीं आनेवाले 15 प्रवासी नागरिकों को मनपा व जिला स्वास्थ्य प्रशासन सहित अब पुलिस महकमे द्वारा भी खोजा जा रहा है. किंतु फिलहाल उनका कहीं कोई पता नहीं चल पाया. ऐसे में कोविड गाईडलाईन का उल्लंघन करनेवाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के पर्याय पर प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है.
‘उन’ संक्रमितों की जिनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट नहीं मिली
बता दें कि, ओमिक्रॉन वेरियंट के खतरे को देखते हुए जिन कोविड संक्रमितों के सैम्पलों में सीटीस्कोर कम है, उनके सैम्पलों को जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट के लिए पुणे व दिल्ली की प्रयोगशालाओं में भिजवाया गया है. किंतु इनमें से अब तक किसी की भी टेस्ट रिपोर्ट दिल्ली व पुणे से प्राप्त नहीं हुई है.
शहर में फिर दो कोरोंटाईन सेंटर शुरू
कोविड संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना व ओमिक्रॉन वेरियंट के खतरे को देखते हुए महानगरपालिका प्रशासन एक बार फिर एक्शन में आ गया है और अब एक बार फिर शहर में दो कोरोंटाईन सेंटर शुरू कर दिये गये है, जो विदर्भ महाविद्यालय में स्थित है. वहीं जरूरत पडने पर पहले शुरू किये गये सभी कोरोंटाईन सेंटरों को एक बार फिर शुरू करने की तैयारी मनपा प्रशासन द्वारा की गई है. साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों, बाजार, मॉल व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करवाने हेतु तथा नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई करने हेतु अलग-अलग दस्तों का गठन किया जा रहा है.