प्रतिनिधि/ दि.२१
अमरावती – प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनायी गई मूर्तियां पानी में गलती नहीं साथ ही इन मूर्तियोंं पर लगाए जाने वाला कलर रासायनिक होता है. जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, सभी भाविक पर्यावरण पूरक मिट्टी की मूर्तियां स्थापित करें ऐसा आहवान महानगरपालिका द्वारा किया गया. साथ ही महानगरपालिका ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जनजागृती का कार्य भी किया जिसमें नागरिकों को मिट्टी की मूर्तियां उपलब्ध हो सके इस उद्देश्य को लेकर समय-समय पर मूर्तिकार संगठना की बैठक लेकर उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रमाण में मिट्टी की मूर्तियां बनाने के लिए प्रेरित भी किया गया. जिसमें भाविकों के लिए ५३ हजार पर्यावरण पूरक मूर्तियां उपलब्ध है.
उल्लेखनीय है कि, शहर के कुछ मूर्तिकारोंं ने मिट्टी की मूर्तियां बनाने का कार्य शुरु किया था जिसमें २०१७ में ६ हजार, २०१८ में ८ हजार तथा २०१९ में १८ हजार मिट्टी की मूर्तियां मूर्तिकारों द्वारा बनायी गई थी. जिसमें इस साल इन मूर्तिकारों द्वारा ५३ हजार मूर्तियां बनाए जाने की जानकारी मूर्तिकार संगठना की ओर से दी गई. मिट्टी की मूर्तियां की बिक्री के लिए मूर्तिकार संगठना द्वारा जगह आरक्षित करने की मांग की गई थी. जिसमें इस साल स्थानिय नेहरु मैदान स्थित शाला की इमारत में मूर्तिकारों को बिक्री के लिए मनपा ने जगह उपलब्ध करा दी है. नेहरु मैदान स्थित शाला की इमारत में दुकान क्रं. १ से ३४ में पर्यावरण पूरक गणेश मूर्तियां बिक्री के लिए उपलब्ध है. यह व्यवस्था महानगपालिका द्वारा की गई है. मनपा के आयुक्त प्रशांत रोडे ने स्वयं मूर्ति बिक्री स्थल को भेंट देकर दुकानों की समीक्षा की.
इस समय कुंभार मिट्टी कला सुधार समिती के पदाधिकारी मूर्तिकार प्रभाकर रोतडे, चरण उचाडे, कैलाश रोतडे, संदिप कालकर, दिलीप नांदूरकर, अनिल महानकर, मारोती गुजरे, शुभम मुंधरे, प्रमोद रोतडे, नितिन घाटोडे, जीवन गुजरे उपस्थित थे. मनपा द्वारा सभी गणेश भक्तों से शाडू मिट्टी से निर्मित पर्यावरण पूरक गणेश मूर्तियां स्थापित करने का आहवान किया गया.