अमरावती/ दि.17 – महाराष्ट्र स्थायी संपत्ति नियामक प्राधिकरण व्दारा कुछ दिन पहले वर्ष 2022 में लैप्स हुए प्रकल्पों की सूची घोषित की गई. जिसमें अमरावती शहर सहित जिले के 14 प्रकल्पों के नामों का भी समावेश है. महारेरा के मुताबिक वर्ष 2022 में समूचे राज्य में कुल 533 प्रोजेक्ट लैप्स हुए है. जिनमें अकेले नागपुर शहर के ही 28 प्रोजेक्ट का समावेश है.
बता दे कि, महारेरा व्दारा प्रति वर्ष लैप्स प्रकल्पों की सूची घोषित की जाती है. जिन प्रकल्पों का काम तय समय के भीतर पूरा नहीं होता ऐसे प्रकल्पों को लैप्स प्रोजेक्ट की सूची में शामिल किया जाता है. जिनमें ज्यादातर प्रोजेक्ट मुंबई व पुणे जैसे बडे महानगरों के होते है. वहीं इस बार विदर्भ क्षेत्र से नागपुर के 28, अमरावती के 14, अकोला के 2, चंद्रपुर के 10, वर्धा के 3 व यवतमाल के 1 प्रकल्प का लैप्स प्रोजेक्ट की सूची में समावेश है. जब किसी बिल्डर व्दारा अपने प्रकल्प का काम तय समय के भीतर पूरा नहीं किया जाता, साथ ही समयावृध्दि के लिए महारेरा के पास आवेदन भी नहीं करता, तब उस उक्त प्रकल्प को लैप्स घोषित किया जाता. विशेष उल्लेखनीय है कि, अगर कोई रियल स्टेट प्रकल्प लैप्स घोषित कर दिया जाता है, तो उसकी बिल्डर व्दारा अपने उस प्रकल्प के संदर्भ में विज्ञापन जारी नहीं किये जा सकते. साथ ही बुकिंग व विक्री सहित विक्री के ऑफर देने की अनुमति भी नहीं होती. सबसे खास बात यह है कि, ऐसे प्रकल्पों में निवेश करने हेतु बिल्डर व्दारा किसी को आमंत्रित भी नहीं किया जा सकता और ऐसे प्रकल्पों का राजस्व महकमे में पंजीयन भी नहीं होता.
अमरावती के इन प्रकल्पों का है समावेश
अमरावती के जिन प्रकल्पों का महारेरा के वर्ष 2022 वाले लैप्स प्रकल्पों की सूची में नाम शामिल है. उनमें अमरावती शहर में साकार हो रहे रणथंबौर सिटी फेज 1, सिटीलैंड एसोसिएट (प्लॉट नं. 803), राज उद्योग के राज आशियाना, श्याम साधुराम छुटलानी के टाईम्स स्क्वेअर, धनराज हरिचंद खंडेलवाल के विठ्ठलार्पण रेसिडेंसी-बी, अश्वमेघ बिल्डर्स के अश्वमेघ रेसिडेंसी, देवी इन्फ्रास्पेस के देवी प्लेटेनियम सहित सह्याद्री एसोसिएट के सह्याद्री रेसिडेंसी (अचलपुर), श्री धर्मराज बिल्डर के राजसुय इनक्लेव (चिखलदरा) तथा पीएम आवास योजना के मौजे रहाटगांव (अमरावती व चांदूर बाजार), मौजे बडनेरा, मौजे नवसारी व मौजे बेनोडा (वरुड) इन रिहायशी प्रकल्पों के नामों का समावेश है. इन सभी प्रकल्पो का काम 31 मार्च 2022 से पहले हो जाना चाहिए था, किंतु संबंधित बिल्डरों व्दारा तय समय के भीतर काम पूरा नहीं किये जाने के चलते इन प्रकल्पों को लैप्स प्रोजेक्ट वाली सूची में डाल दिया गया.