अमरावती

प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना का 53,770 माताओं को लाभ

गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को बडी राहत

  • योजना अंतर्गत जिले में 96 प्रतिशत कार्य पूर्ण

अमरावती/दि.19 – गर्भवती महिला, स्तनदा माताओ को पोषक आहार उपलब्ध करवाकर उनके व नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार की दृष्टि से प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना राज्य में लागू की गई है. अमरावती जिले में इस योजना अंतर्गत 53 हजार 770 गर्भवती महिलाओं को लाभ दिया गया है. उनके बैंक खातो में 22 करोड 61 लाख रुपए अनुदान की राशि जमा कर दी गई है. योजना को प्रभावी तरीके से अमल लाने के लिए राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिले की पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने निर्देश दिए थे जिसके अनुसार संबंधित यंत्रणा द्बारा जिलेभर में 96 फीसदी कार्य पूर्ण कर लिया गया है.
गर्भवती माताओं के जीवन का यह महत्वपूर्ण चरण होता है. स्वयं के साथ उसके शिशु का पालन पोषण करना उस माता की जवाबदारी रहती है. मजदूरी काम करने वाली अनेक गर्भवती महिलाओं को गर्भ अवस्था के अंतिम चरण में भी उदर निर्वाह के लिए काम करना पडता है.ऐसी गर्भवती महिलाओे के कुपोषित रह जाने की वजह से उसके नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम होता है.
गर्भवती माता व जन्म लेने वाले बालक के स्वास्थ्य के लिए माताओं को पोषक आहार लेने के लिए व उन्हें प्रोत्साहित कर माता मृत्यु व बाल मृत्यु के दर में कमी लाने के लिए व नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की महिला व बालविकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना संपूर्ण देशभर में लागू की है. महाराष्ट्र में भी यह योजना 21 नवंबर 2017 से लागू की गई है.

इस प्रकार है प्रधानमंत्री मातृयोजना का स्वरुप

मजदूरी करने वाली महिलाओं का प्रसुती काल में आर्थिक नुकसान न हो और उन्हें प्रसुती काल में आराम मिल और उन्हें पोषक आहार मिले जिससे नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधारणा हो इस उद्देश्य को लेकर राज्य में यह योजना शुरु की गइ है. इस योजना के अंत तक सिर्फ पहली बार गर्भधारणा करने वाली महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाता है. गर्भवती माता व स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चों के जन्म के समय यह लाभ दिया जाता है. उसके स्वतंत्र बैंक खाते में 5 हजार रुपए सहायता निधि जमा कि जाती है. यह लाभ डीबीटी पद्धती से लाभार्थियों के खाते में जमा किया जाता है. 1 हजार रुपए की पहली किश्त गर्भवती रहते समय आंगनवाडी में इसका पंजीयन होते ही दिया जाता है तथा दूसरी किश्त छह महीने की जांच के पश्चात 2 हजार रुपए की तीसरी किश्त का लाभ जन्म होने के पश्चात दिया जाता है. जिसमें पोलियों, बीसीजी, पोलियों के तीन डोज, पेंटाव्हलेंट वैक्सीन के तीन डोज पूर्ण होने के पश्चात लाभार्थियोें के खाते में यह राशि जमा की जाती है.

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