अमरावती

संक्रमण से अब तक 538 पुरूषों व 188 महिलाओं की मौत

कोविड ‘डेथ ऑडिट’, मृतकों में बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक

अमरावती/दि.15 – जिले में कोविड संक्रमण की वजह से अब तक कुल 726 संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. जिनमें 538 पुरूषों व 188 महिलाओं का समावेश रहा. इसके साथ ही 50 वर्ष से अधिक आयुवाले मरीजों पर कोरोना की विशेष वक्रदृष्टि दिखाई दे रही है, क्योंकि सर्वाधिक 582 मौतें 50 वर्ष से अधिक आयुवाले मरीजों की हुई है. इसमें भी पुरूषों का प्रमाण अधिक है. इस आशय की जानकारी कोविड ‘डेथ ऑडिट’ में स्पष्ट हुई है.
बता दें कि, अमरावती जिले में 4 अप्रैल को पाया गया पहला कोविड संक्रमित ‘होम डेथ’ का मामला था. उस समय से जिले में कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का तांडव शुरू हुआ. पश्चात विगत अप्रैल माह में कोविड संक्रमण की वजह से 10 मौतें हुई. जिसमें से 8 मामले ‘होम डेथ’ के थे. इसके बाद जिले में ‘होम डेथ’ वाले मामलों में मृतक का थ्रोट स्वैब सैम्पल लेना बंद किया गया. इसकी बजाय संबंधित परिवार के हायरिस्कवाले मरीजों का थ्रोट स्वैब सैम्पल लेकर उनकी कोविड टेस्ट की जाने लगी. उस समय अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का प्रमाण सात से आठ फीसदी था, जो समूचे राज्य में सर्वाधिक माना गया.
अमरावती जिले में समय-समय पर कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों की कारणमिमांसा की गई. जिसमें पता चला कि, करीब 80 फीसदी मृतक कोमार्बिड यानी बहुविध बीमारियों से पीडित थे. इसके अलावा अन्य मामलों में मरीजों द्वारा लक्षण दिखाई देने के बावजूद कोविड टेस्ट करवाने और इलाज शुरू करने में विलंब करना बेहद भारी पडा. विगत मंगलवार को चांदूर रेल्वे तहसील अंतर्गत मांडवा निवासी छह माह की बच्ची अब तक सबसे कम आयुवाली कोविड संक्रमित मरीज पायी गयी है. हालांकि इस बच्ची की मंगलवार को ही इलाज के दौरान मौत हो गयी. वहीं 92 वर्ष के एक बुजुर्ग व्यक्ति इस समय तक सबसे अधिक आयुवाले कोविड संक्रमित पाये गये. इनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गयी. जिले में 60 से 70 वर्ष की आयुवाले नागरिक ही कोविड संक्रमण का सबसे अधिक शिकार क्यों हो रहे है, इस बारे में गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श करते हुए आवश्यक उपाययोजना करना बेहद जरूरी है.

रोग प्रतिकारक शक्ति बेहद महत्वपूर्ण

कोविड संक्रमित व्यक्ति में उसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति का सर्वाधिक महत्व होता है. रोग प्रतिकारक शक्ति अच्छी रहने पर संक्रमण का कोई गंभीर परिणाम नहीं होता. हालांकि इसके लिए विविध उपाय करने जरूरी होते है, वहीं बुजुर्गों में रोगप्रतिकारक क्षमता कम रहने के चलते किसी भी तरह का संक्रमण उन्हें गंभीर स्थिति में पहुंचा देता है. ऐसी जानकारी जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम द्वारा दी गई.

61 से 70 वर्ष आयुवर्ग में सर्वाधिक मौतें

जिले में 13 अप्रैल तक कोविड संक्रमण की वजह से हुई मौतों में 50 से 60 आयुगुटवाले 175 और 61 से 70 आयुगुटवाले 209 मरीजों का समावेश रहा. इस आयुगुट के व्यक्ति अक्सर ही अपने कामकाज के चलते बाहरी लोगों के संपर्क में आते है और संक्रमण का शिकार हो जाते है. साथ ही इस आयु में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है. ऐसे में बीमारी को लेकर जरासी भी लापरवाही बरतना जानलेवा साबित हो सकता है.

बुजुर्ग महिलाओं की मौतों का प्रमाण अधिक

कोविड संक्रमण काल के दौरान कोविड संक्रमण की वजह से 188 महिलाओं की मौत हुई है. जिसमें 50 से 70 वर्ष आयुगुटवाली महिलाओं का प्रमाण सर्वाधिक रहा. जिला शल्य चिकित्सक की रिपोर्ट के मुताबिक 51 से 60 आयु गुट में 56 तथा 61 से 70 आयु गुट में 55 महिलाओं की इलाज के दौरान मौत हुई है.

मार्च माह में सर्वाधिक मौतें

जिले में इससे पहले सितंबर-2020 में कोरोना ब्लास्ट हुआ था. उस समय एक माह के दौरान 7 हजार 713 कोविड पॉजीटीव पाये गये थे. जिसमें से 154 मरीजों की मौत हुई थी. किंतु जारी वर्ष के दौरान आयी कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में मार्च माह के दौरान 13 हजार 518 नये संक्रमित मरीज पाये गये और 164 मरीजों की जान गयी. इस समय जिले के कई मरीजों में डबल म्युटंटवाले कोरोना वायरस का प्रभाव देखा गया है. कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप का संक्रमण बडी तेजी से फैला तथा फरवरी व मार्च माह के दौरान परिवार के परिवार कोविड संक्रमण की चपेट में आये.

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