डैम में 54 प्रतिशत पानी फिर भी जलापूर्ति एक दिन आड
नया जल शुद्धिकरण प्लांट शुरु होने की प्रतिक्षा
* जल भंडार पर्याप्त लेकिन यंत्रणा ही सक्षम नहीं
* समय-समय पर आने वाली खराबियों से जलापूर्ति बाधित
अमरावती/दि.23– अमरावती शहर को जलापूर्ति होने वाले जिले के सबसे बडे जल प्रकल्प अप्पर वर्धा डैम मेें वर्तमान में पर्याप्त जल भंडार है. इस डैम की प्रकल्प क्षमता 564.05 दशलक्ष घन मीटर है और आज डैम में 339.16 मीटर याने 304.14 दशलक्ष घन मीटर जलसंचय है. यह आंकडे बताते है कि, डैम में अभी 53.92 प्रतिशत पानी है. आसान भाषा में डैम आधे से ज्यादा भरा है. फिर भी अमरावतीवासियों को एक दिन आड जलापूर्ति की जा रही है. डैम में पर्याप्त जलभंडार रहने के बाद भी लोगों को रोज जलापूर्ति क्यों नहीं की जा रही. इस सवाल के जवाब में मजीप्रा अधिकारियों ने कहा कि, अमरावती शहर की डेली की डिमांड के हिसाब से जलापूर्ति करने के लिए इतने पानी को शुद्ध करने की व्यवस्था नहीं है. इसलिए मजीप्रा द्बारा राजुरा मार्ग पर नये जलशुद्धिकरण प्लांट का काम शुरु है. यह जलशुद्धिकरण का नया प्लांट शुरु होते ही अधिक मात्रा में पानी शुद्ध करते आएगा. जिससे लोगों को रोज जलापूर्ति करना संभव होगा. लेकिन जब तक यह नई यंत्रणा विकसित नहीं हो जाती तब तक लोगों को एक दिन आड ही पानी दिया जाएगा.
ग्रीष्मकाल में पानी की मांग अधिक बढ जाती है, ऐसे में एक दिन आड नल छोडे जा रहे है. आकस्मिक स्थिति में पाईप लाईन में खराबी के कारण भी जलापूर्ति बंद रहती है. ऐसी स्थिति मेें लोगों को ऐन ग्रीष्मकाल में जलकिल्लत का सामना करना पड रहा है. यदि पानी की कमी होती, तो लोग भी कुछ नहीं कहते. लेकिन जब पर्याप्त जलभंडार है, तो फिर इस जल किल्लत का कारण क्या? यह सवाल सभी पूछ रहे है. अमरावती जिले के अप्पर वर्धा सहित 5 मध्यम व 41 लघु प्रकल्पों में भी 50 प्रतिशत से अधिक पानी है. विगत वर्ष की तुलना में यह जलभंडार अधिक है. विगत साल अप्रैल महीने में जिले के सभी 46 प्रकल्पों में 45.17 प्रतिशत पानी था. वर्तमान में इन प्रकल्पों में 50.59 प्रतिशत पानी है.
* जिले के जलप्रकल्प
प्रकल्प का नाम क्षमता जलभंडार (आंकडे दलघमी में)
अप्पर वर्धा 564.05 304.14
शहानूर 46.04 23.12
चंद्रभागा 41.25 26.10
पूर्णा 35.37 21.82
सपन 38.60 22.74
पंढरी 56.41 14.59
41 लघु प्रकल्प 177.81 72.93
कुल 959.53 485.44