अमरावती

छह माह में संभाग के 547 किसानों ने लगाया मौत को गले

पांचोें जिलों में रोजाना हुई औसत तीन किसान आत्महत्याएं

अमरावती/दि.8– विगत छह माह के दौरान अमरावती संभाग में 547 किसानों ने अपने ही हाथों मौत को गले लगाते हुए आत्महत्या कर ली. ऐसे में कहा जा सकता है कि, विगत 1 जनवरी से 30 जून के दौरान संभाग के पांचों जिलों में रोजाना औसतन तीन किसान आत्महत्याएं हुई है. वहीं दु:ख और चिंता का विषय यह भी है कि, इन आंकडों के साथ किसान आत्महत्या के मामले में अमरावती संभाग सबसे अव्वल स्थान पर है. इसमें भी सबसे अधिक किसान आत्महत्याएं संभागीय मुख्यालय रहनेवाले अमरावती जिले में हुई है.
बता दें कि, अनियमित व असंतुलित मौसम व बारिश, किटों व रोगोें की वजह से होनेवाली फसलों की बर्बादी तथा सिर पर लगातार चढते कर्ज के बोझ से परेशान होकर कई किसानों द्वारा आत्महत्या कर ली जाती है और किसान आत्महत्याओं का यह सिलसिला विगत लंबे समय से अमरावती जिले सहित पुरे संभाग में चल रहा है. कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि, अमरावती संभाग एक तरह से किसान आत्महत्याओें के लिए बदनाम हो गया है. ऐसे में विगत अनेक वर्षों से किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई तरह के राहत पैकेजों और योजनाओं की घोषणा की गई. जिसके तहत किसानों के लिए कर्ज माफी भी घोषित की गई, लेकिन इसके बावजूद भी किसान आत्महत्याएं थमने व रूकने का नाम नहीं ले रही है.
* 137 मामलों में कोई मदद नहीं
किसान आत्महत्याओं के मामले में सरकार द्वारा पीडित व प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. जिसके लिए कई तरह के मानक व नियम तय किये गये है. विगत छह माह में संभाग के कुल 547 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई. जिसमें से केवल 164 मामलों को ही अनुदान व सहायता के लिए पात्र माना गया. वहीं 137 मामलोें को अपात्र घोषित किया गया. यानी इन 137 किसानों के परिवारोें को सरकार की ओर से कोई अनुदान या सहायता राशि की मदद प्राप्त नहीं होगी. इसके अलावा 246 मामलों में जांच-पडताल चल रही है.
* किसान मौतों के जिलानिहाय आंकडे
जिला                 मौतें
अमरावती           163
यवतमाल           131
बुलडाणा             129
अकोला                67
वाशिम                 57
कुल                  547

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