अमरावतीमहाराष्ट्र

55 हजार संतरा उत्पादक किसानों को मिलेगा 170 करोड रुपयों का अनुदान

मोर्शी परिसर के किसानों को होगा लाभ

* पहले निर्यातकों को ही मिलने वाला था अनुदान
अमरावती /दि.27– विदर्भ का कैलिफोर्निया के रुप में विख्यात मोर्शी, वरुड, चांदूर बाजार, काटोल व नागपुर की प्रसिद्धि समूचे देश सहित विदेशों में संतरा उत्पादक क्षेत्र के तौर पर है. राज्य में करीब 1.25 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में संतरा उत्पादक किया जाता है. जिसमें से मोर्शी, वरुड व काटोल क्षेत्र में ही 1 लाख हेक्टेअर से अधिक क्षेत्र में संतरा बागान है. मोर्शी-वरुड क्षेत्र के संतरे की पूरी दुनिया में जबर्दस्त मांग है. जिसके चलते इस परिसर से बडे पैमाने पर संतरे के फलों की विदेशों में निर्यात की जाती है. विदर्भ के संतरा उत्पादक किसान करीब 7 लाख टन संतरे का उत्पादन करते है. जिसमें से दो से ढाई लाख टन संतरा बांग्लादेश में निर्यात किया जाता है. दुनिया के अन्य देशों की तुलना में संतरे की सर्वाधिक मांग बांग्लादेश में ही है. विगत कुछ वर्षों से बांग्लादेश ने संतरे के आयात शुल्क में काफी अधिक वृद्धि कर दी थी. जिसके चलते संतरा व्यापारियों द्वारा संतरा उत्पादकों से बेहद कम दरों पर संतरे की खरीदी की जाती थी. जिससे संतरा उत्पादक किसानों का काफी नुकसान हुआ करता था. ऐसे में तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार रहते समय पणन मंत्री अब्दूल सत्तार ने गत वर्ष 18 जनवरी को 170 करोड रुपयों का अनुदान निर्यातदार व्यापारियों को देने का शासनादेश जारी किया था. जिसके चलते जिला निबंधक सहकारी संस्था द्वारा 50 निर्यातदार व्यापारियों का प्रस्ताव सरकार के समक्ष पेश भी हुआ था. जिसके उपरान्त राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और तत्काल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह अनुदान निर्यातक व्यापारियों की बजाय विदर्भ के 55 हजार संतरा उत्पादक किसानों को देने का निर्णय लिया. ऐसे में अब 170 करोड रुपयों का यह अनुदान विदर्भ क्षेत्र के 55 हजार संतरा उत्पादक किसानों को मिलेगा. जिसका सर्वाधिक लाभ मोर्शी एवं वरुड क्षेत्र के संतरा उत्पादक किसानों को ही मिलने वाला है. विशेष उल्लेखनीय है कि, इस हेतु महाऑरेंज के कार्यकारी संचालक श्रीधर ठाकरे ने सरकार से सतत संपर्क बनाये रखते हुए लगातार प्रयास किये.

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