55 वर्ष पूर्व मृत हुए व्यक्ति को जीवित बताकर संपत्ति हडपी
मृत्यु का झूठा प्रमाणपत्र बनाना पडा भारी
* अदालत ने पुलिस को दिया जांच करने का आदेश
* पत्रवार्ता में दी गई जानकारी
अमरावती/दि.9– धामणगांव रेल्वे शहर में 55 वर्ष पूर्व मृत हो चुके मदनगोपाल शिवदास ब्राह्मण (गांधी) नामक व्यक्ति का वर्ष 2008 में मृत्युपत्र बनाते हुए उसे वर्ष 2010 में मृत दिखाकर उसकी संपत्ति को हडपने का कार्य काले परिवार के पांच लोगों द्वारा किया गया. जिनके खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज करते हुए धामणगांव की दिवाणी व फौजदारी अदालत ने सच्चिदानंद प्रभातकुमार काले, सीमा सच्चिदानंद काले, सलील सच्चिदानंद काले, शिवानंद प्रभातकुमार काले, ब्रह्मानंद प्रभातकुमार काले तथा बोधीसत्व प्रभातकुमार काले के खिलाफ जालसाजी का अपराध दर्ज करते हुए उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश धामणगांव रेलवे के दत्तापुर पुलिस थाने को दिया है. इस आशय की जानकारी इस मामले के शिकायतकर्ता आदित्य माधवराव भोगे द्वारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में दी गई.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में आदित्य भोगे ने बताया कि, धामणगांव के नूतन चौक निवासी मदनगोपाल शिवदास ब्राह्मण (गांधी) की मौत 13 मई 1964 को हो गई थी. जिसकी जानकारी नगर परिषद मेें भी उसी तारीख पर दर्ज है. किंतु उनकी नूतन चौक स्थित संपत्ति को हडपने के लिए काले परिवार के पांच सदस्यों ने उन्हें जीवित दिखाते हुए 20 अक्तूबर 2008 को उनका मृत्युपत्र तैयार करवाया. जिसके लिए सन 1964 में मृत हो चुके व्यक्ति का फर्जी मतदान कार्ड व फर्जी हस्ताक्षर पेश करते हुए मृत्युपत्र तैयार किया गया. साथ ही बाद में 20 नवंबर 2010 को उनकी मृत्यु होने की बात दर्शाते हुए नकली मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार कर उनकी संपत्ति को अपने नाम कर लिया, जबकि असलियत यह है कि, 20 दिसंबर 2008 को दुय्यम निबंधक कार्यालय धामणगांव रेलवे में दस्त क्रमांक 2190 के जरिये मदनगोपाल शिवदास ब्राह्मण (गांधी) के मृत्युपत्र को पंजीकृत दिखाया गया. जबकि इस तारीख पर इस दस्त क्रमांक के जरिये दुय्यम निबंधक कार्यालय में निंभोरा बोडखा निवासी भीमराव गंगाराम हेंडवे नाम व्यक्ति का मृत्युपत्र पंजीकृत है. ऐसे में काले परिवार ने फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए सरकार व प्रशासन के साथ धोखाधडी व जालसाजी की है. साथ ही साथ 55 वर्ष पहले मृत हो चुके व्यक्ति की संपत्ति भी हडप ली है.
पत्रवार्ता में आदित्य भोगे ने बताया कि, उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी तमाम दस्तावेजों के साथ 27 जुलाई 2021 को दत्तापुर पुलिस थाने में दर्ज करायी थी. किंतु पुलिस द्वारा इस मामले को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया गया. जिसके चलते उन्होंने धामणगांव रेलवे के फौजदारी न्यायालय में मामले की शिकायत दी. जहां पर सुनवाई पश्चात न्यायाधीश एस.एस. राणे की अदालत ने 7 मार्च 2022 को एक आदेश जारी करते हुए दत्तापुर पुलिस थाने को इस मामले में अपराध दर्ज करने व जांच करने का निर्देश जारी किया है. भोगे के मुताबिक इस मामले में पूरे दस्तावेजों के साथ पुख्ता सबूत देने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके चलते पुलिस प्रशासन की भुमिका बेहद संदेहास्पद है. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार दखलपात्र अपराध में भी मामला दर्ज नहीं किये जाने के चलते अब संबंधित पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है. इस मामले में शिकायतकर्ता की ओर से अदालत में एड. आशिष राठी द्वारा सफलतापूर्वक युक्तिवाद किया गया. इसके आधार पर अदालत ने याचिकाकर्ता के पक्ष को सही पाते हुए पुलिस को काले परिवार के पांच लोगोें के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश जारी किया.