* अब विषय नहीं डराते छात्र-छात्राओं को
अमरावती/दि.3- कक्षा 10 वीं के राज्य बोर्ड द्वारा शुक्रवार को घोषित नतीजे में कई नए आयाम उभरकर सामने आ रहे हैं. संभागस्तर पर 552 विद्यार्थियों को गणित में आउट ऑफ अंक प्राप्त होने की जानकारी शहर के प्रतिष्ठित शाला के मुख्याध्यापक ने दी. उन्होंने बताया कि उनकी शाला के पांच विद्यार्थियों को गणित में 100 में से 100 अंक मिले हैं. संस्कृत विषय में भी दर्जनों विद्यार्थियों को पूर्णांक मिलने की चर्चा है. शहर की प्रसिद्ध संस्कृत टीचर ने बताया कि उनके कोचिंग के दो विद्यार्थियों को आउट ऑफ अंक प्राप्त हुए हैं. साफ है कि अब गणित हो या भाषा, आज के विद्यार्थियों को यह विषय जरा भी डराते नहीं है. अपितु उन्हें स्कोरिंग विषय (सबजेक्ट) का नया नाम दे दिया गया है. मुख्याध्यापक और टीचर्स विद्यार्थियों को पूर्ण संस्कृत लेने का आग्रह करते हैं. जिसमें 100 अंक का पर्चा होता है. गणित की कोचिंग लेने वाले स्वस्तिक नगर क्षेत्र के एक अध्यापक ने बताया कि पहले अलजेब्रा और जॉमेंट्री के पर्चे होते थे. अब गणित-1 और गणित-2 के पर्चे होते हैं. इसमें भी 20 मार्क इंटरनल के रहते हैं. विद्यार्थी बेशक बुद्धिमान, होशियार होंगे ही. किन्तु इंटरनल गुण से शाला का परीक्षाफल बेहतर होता आया है. इस तरह की चर्चा भी रिजल्ट पश्चात सुनने मिली है. विद्यार्थियों के प्रथम श्रेणी और प्रावीण्य श्रेणी में उत्तीर्ण होने के विषय का भी एक प्रसिद्ध कोचिंग क्लास संचालक ने खुलासा किया कि बेस्ट ऑफ फाइव का यह कमाल है. जिन पांच विषयों में विद्यार्थी को अच्छे गुण मिले हैं, उसी की गणना रिजल्ट में हो रही है. हालांकि इसमें गणित और विज्ञान जैसे अनिवार्य विषय सम्मिलित हैं.
* इंटरनल मार्क ने किया कमाल
2019 में अमरावती संभाग का नतीजा 72 प्रतिशत था. तीन वर्षों में यह 92 प्रतिशत से अधिक हो गया है. इसके पीछे भी एक जानकार ने बताया कि सभी विषय में 20 मार्क इंटरनल अर्थात शाला द्वारा प्रायोगिक और मौखिक परीक्षा के नाम पर देने का अधिकार है. अधिकांश शालाएं अपने विद्यार्थियों को आउट ऑफ अथवा ज्यादातर मामलों में 18-19 अंक दे देते हैं. विद्यार्थियों के 100 प्रतिशत अंक पाने के पीछे भी खेल और कलागुणों के ग्रेस मार्क का सहारा बताया गया है. पांच से लेकर पच्चीस ग्रेस मार्क विद्यार्थी को जिला, राज्य, राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में सहभागी होेने के लिए झट से मिल जाते हैं. हालांकि इस बारे में पुष्ठि करने के लिए बोर्ड अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कुछ भी कहने अथवा बताने से इनकार कर दिया.