घुमता रक्तदान शिविर का परिसर में आयोजन
अमृतसर से पधारे महान कीर्तनकार भाई हरमितसिंगजी ने संगत को गुरबाणी से जोडा
सांसद डॉ. बोंडे ने भक्तों की चप्पल-जूते उठाकर सेवा दी
अमरावती- / दि.8 सिख पंथ के प्रेरणादायक, महान और प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी महाराज का 553 वां प्रकाश पूरब 8 नवम्बर को समुचे जगत में बडे श्रद्धा भाव के साथ मनाया जा रहा है. स्थानिक गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा, बुटी प्लॉट अमरावती में भी प्रकाश पूरब को धूम धाम से मानने हेतू 1 नवम्बर से 8 नवम्बर तक विविध धार्मिक कार्यक्रमोका आयोजन किया गया है. आज गुरुनानक की जयंती के अवसर पर परिसर में 5 हजार से अधिक भक्तों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई. इसके साथ परिसर में घुमता रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान सांसद डॉ. अनिल बोंडे, विधायक सुलभा खोडके तथा भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने गुरुनानकजी का आशीर्वाद लिया. इतना ही नहीं तो सांसद डॉ. बोंडे ने भक्तों के चप्पल-जूते उठाकर सेवा दी.
गुरू नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को सम्वत 1526 (अंग्रेजी वर्ष 1469) को राय-भोए-दी तलवण्डी वर्तमान में शेखुपुरा (पाकिस्तान) ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध स्थान पर हुआ था. गुरू नानक साहिब जी का जन्मदिन प्रतिवर्ष 15वीं कार्तिक पूर्णिमा यानि कार्तिक माह के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष गुरु नानक देव जी का 553 वां प्रकाशपूरब 8 नवम्बर को मनाया गया. गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा अमरावती द्वारा 6 नवंबर को समूची साथ संगत कीर्तन दीवान किया , और शाम को बच्चों का कवि दरबार आयोजित किया गया था जिसमें छोटे बच्चे से बड़े बच्चों ने गुरु नानक देव जी महाराज के बारे में कीर्तन गाया और कथा की.
आज 8 नवंबर को सुबह 08.00 बजे से श्री सुखमणी साहेब पाठ किया गया , फिर श्री अखंड पाठ साहिब जी की समाप्ति की गई. इसके बाद भाई भूपेंद्र सिंह जी हजूरी रागी जत्था गुरूद्वारा अमरावती, व्दारा सुबह 10 से 11 कीर्तन दीवान सजाया गया. फिर बाद सुबह 11 से दोपहर 1 बजे कीर्तन दीवान भाई हरमीत सिंह जी अमृतसर वाले कीर्तन करके संगत को निहाल किया. गुरु नानक जयंती के उपलक्ष में उस दिन सुबह भव्य रक्तदान शिविर आयोजित किया गया है. गुरुद्वारा परिसर में लगभग 5000 से ज्यादा श्रद्धालुओ के लिये लंगर की व्यवस्था की गई है.
आज शाम को हजुरी रागी भाई भूपिंदर सिंघ जी तथा अमृतसर से विशेष तौर पर अमरावती पधारे इस कार्यक्रम में भाई हरमीत सिंह जी, गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा, गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा अमरावती, गुरविंदर सिंह बेदी, राजेंद्र सिंह सलूजा, डॉ निक्कू खालसा, अमरजोत सिंह जग्गी, दिलीप सिंह बग्गा, रविंद्र सिंह सलूजा, सतपाल सिंह बग्गा, रतनदीप सिंघ बग्गा, हरप्रीत सिंह गांधी, जगदीश लाल छाबड़ा, मनजीत सिंह होरा, हिमिंद्र सिंह पोपली, नरेंद्र पाल सिंह अरोरा, अजिंदर सिंह मोंगा, राज सिंह छाबड़ा, रविंद्रपाल सिंह अरोरा, भूपिंदर सिंह सलूजा, तेजिंदर सिंह उपवेजा, गुरविंदर सिंघ नंदा, अमरजीत सिंह जुनेजा, हिमिंद्र सिंह ओबेरॉय, आशीष जी मोंगा, हरविंदर सिंग राजपूत, शरणपाल सिंह अरोरा, हरबक्ष सिंह उबवेजा, जगविंदर सिंह सलूजा, देवेंद्र सिंह बग्गा, हरेंद्रपाल ओबरॉय, मनप्रीत सिंह होरा, नमन सिंह सलूजा, इंद्रपाल सिंह मोंगा, प्रितपाल सिंह मोंगा, हरदीप सिंह सलूजा, हरप्रीत सिंग गांधी, गुरप्रीत सिंह नंदा, परिमेंद्र सिंह सहनी, बबलू जग्गी, रॉकी मोंगा, प्रदीप चढ़ा, मदन मोंगा, दिनेश सचदेव, लकी छड़बा , पंजक छाबड़ा, रोहित खुराना, हरभजन सिंह सलूजा, कुलबीर सिंह अरोरा, विक्की अरोरा, शोलक हुडा, कोमल नंदा, राजू बग्गा, लाली नंदा, बबलू बग्गा, चिकू राजपूत राजा सलूजा, मननप्रीत सिंह होरा, सिमरन सिंग बग्गा, लवली मुतनेका, वकील सिंह, विशाल सिंह, हरीश तोलानी, यशपाल सलूजा, गिरीश सवाल, राजा परवानी, विवेक जाजू, हसमत राय जी, खत्री, तरनजीत अलसिंघानिया, प्रवीण नथानी, हितेन, अमर इसरानी, माता शानी पोपली, माता खालसा आंटी, माता सतनाम कौर बग्गा, विमला कौर बग्गा, इंद्रपाल कौर बग्गा, रोजी आंटी जी सहनी, रमी कौर बेदी, सुरजीत कौर सलूजा, अनीता कौर ओवेजा, मिनी कौर अरोरा, दीपी बग्गा, पुष्पाल बग्गा, निक्की अरोरा, रानी सलूजा, स्वीटी सलूजा, लड़ी सलूजा, कमल कौर मोंगा, अमृत कौर जुनेजा, आर्शी छाबड़ा, मनप्रीत कौर, मनजीत नंदा, कवलजीत कौर नंदा, सतनाम कौर, शीना कौर, अंजू कौर मोंगा, काजल कौर जग्गी, हरमन कौर , प्रीति कौर, प्रीत कौर, डॉली कौर नंदा परिवार, खत्री परिवार, रोमा चेलानी, बत्रा परिवार, हरवानी परिवार आदि उपस्थित थे.