अमरावती

जिले के ‘उन’ 56 महाविद्यालयों की मान्यता होगी रद्द!

‘नैक’ की अनदेखी करना पडेगा भारी

* विद्यापीठ के आईक्यूएसी संचालक ने जारी किया पत्र
* बिना ‘नैक’ वाले महाविद्यालयों के प्राचार्यों में हडकंप
अमरावती/दि.27 – केंद्रीय विद्यापीठ अनुदान आयोग के निर्देशानुसार ‘नैक’ मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन नहीं रहने वाले जिले के करीब 56 गैरसरकारी, अनुदानित व बिना अनुदानित महाविद्यालयों की मान्यता रद्द हो सकती है. इस संदर्भ में विद्यापीठ के आईक्यूएसी संचालक ने सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों व संबंधित शिक्षा संस्था संचालकों के नाम पत्र जारी करते हुए ‘नैक’ मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन की रिपोर्ट पेश करने हेतु कहा है.
उल्लेखनीय है कि, हाल ही में राज्य के उच्च शिक्षा संचालक ने ‘नैक’ मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन नहीं रहने वाले महाविद्यालयों की विद्यापीठ के साथ रहने वाली संलग्नता को समाप्त करने का आदेश जारी किया था. जिसका आधार लेते हुए संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत रहने वाले 232 महाविद्यालयों पर कार्रवाई करना प्रस्तावित किया गया है. जिनमें अमरावती जिले के 56 महाविद्यालयों का समावेश है.
एक बार भी ‘नैक’ मूल्यांकन व मानांकन नहीं रहने वाले गैरसरकारी अनुदानित महाविद्यालय तथा फिलहाल ‘नैक’ मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन को लेकर इनएक्टीव रहने वाले गैरसरकारी, अनुदानित, बिना अनुदानित व कायम अनुदानित महाविद्यालय को शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के प्रथम वर्ष प्रवेश के प्रारंभिक तारीख से आईआईक्यूए ‘नैक’ कार्यालय में जमा करना अनिवार्य किया गया है. साथ ही ऐसा नहीं करने पर महाराष्ट्र सार्वजनिक विद्यापीठ अधिनियम 2016 के प्रावधानानुसार तथा सरकारी निर्णय में ‘नैक’ मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन तथा मानांकन को लेकर उल्लेखीत नियमों व शर्तों के तहत संबंधित महाविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

* जिले में कॉलेजों की संख्या में स्थिति
कुल महाविद्यालय 115
अनुदानित महाविद्यालय 52
मान्यता प्राप्त अनुदानित 47
बिना अनुदानित महाविद्यालय 60
मान्यता प्राप्त बिना अनुदानित 09
सरकारी महाविद्यालय 03
मान्यता प्राप्त सरकारी कॉलेज 03
नैक महाविद्यालय 69
‘नो नैक’ महाविद्यालय 56
‘नैक इनएक्टीव’ कॉलेज 32
नैक ‘अ’ श्रेणी कॉलेज 14
नैक ‘ब’ श्रेणी कॉलेज 42

* उच्च शिक्षा विभाग ने लिया था आडे हाथ
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी संचालक डॉ. शैलेंद्र देवलानकर ने विगत 23 मई को विद्यापीठ के कुलसचिव के नाम जारी पत्र में ‘नैक’ मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन तथा ‘नैक’ मानांकन के बिना विद्यापीठ अंतर्गत महाविद्यालयों के बिना रोक-टोक चलने को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी और ऐसे महाविद्यालयों की विद्यापीठ से रहने वाली संलग्नता को तुरंत खत्म करने की कार्रवाई करने हेतु कहा था. इस पत्र के मुताबिक महाविद्यालयों का मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन नहीं होने के चलते शैक्षणिक गुणवत्ता के स्तर में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाती. जिसके चलते उच्च शिक्षा का जतन व संवर्धन करने के लिए महाविद्यालयों का ‘नैक’ मूल्यांकन होना मौजूदा समय की जरुरत है.

* ‘नैक’ मूल्यांकन को लेकर मौजूदा स्थिति की जानकारी 29 मई की शाम 5 बजे तक ऑनलाइन तरीके से गूगल लिंक पर सभी महाविद्यालयों को भेजनी होगी. जिसके बाद ‘नैक’ मूल्यांकन, पुनर्मूल्यांकन व मानांकन नहीं रहने वाले महाविद्यालयों के खिलाफ उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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