अमरावती

शहर में आज भी 56 डाक पेटियां

अमरावती/दि.27 – कुछ वर्ष पूर्व संपर्क का उत्तम साधन रहने वाली डाक सेवा इन दिनों काफी हद तक दुर्लक्षित होती जा रही है. केवल गिनती के लोग ही आज इस सेवा का प्रयोग करते है और अब लोगों द्बारा आपसी पत्र व्यवहार लगभग बंद हो गया है. साथ ही नातेदारी-रिश्तेदारी में पत्र भेजने वालों की संख्या भी घट गई है. हालांकि इसके बावजूद शहर में डाक विभाग द्बारा 56 डाक पेटियां लगाई गई है. जिन्हें रोजाना सुबह 7 बजे व दोपहर 3 बजे ऐसे दिन में 2 बार खोला जाता है और रोजाना इन डाक पेटियों के जरिए 6 हजार सरकारी व अन्य तरह की डाक भेजी जाती है.
* कहा पर है डाक पेटियां
शहर में अलग-अलग स्थानों पर कुल 56 डाक पेटियां है. जिसके तहत प्रत्येक डाक घर के सामने अनिवार्य तौर पर डाक पेटी लगाई गई है. जिसमें से मुख्य डाक कार्यालय के सामने लगाई गई डाक पेटी का सबसे अधिक प्रमाण में प्रयोग होता है. जिसके जरिए सर्वाधिक सरकारी व निजी पत्र भेजे जाते है. इन पत्रों को रोजाना डाक कर्मचारियों द्बारा डाक पेटियों से निकालकर उन्हें उन पर लिखे पतों पर भेजा जाता है.
* किस समय खुलती है पेटियां
डाक पेटियों पर रोजाना दिन में दो बार खोला जाता है. जिसके तहत रविवार एवं सार्वजनिक अवकाश वाले दिनों को छोडकर डाक विभाग के कर्मचारी रोजाना सुबह 7 बजे व दोपहर 2 बजे इन डाक पेटियों को खोलते है.
* रोजाना करीब 6 हजार पत्र
शहर में अलग-अलग स्थानों पर लगी 56 डाक पेटियों में रोजाना औसतन 6 हजार पत्र डाले जाते है. जिसमें से अधिकांश पत्र सरकारी होते है. वहीं कुछ प्रमाण में निजी पत्र भी डाक के जरिए भेजे जाते है. परंतु मौजूदा संचारप्रांति के दौर में लोगबाग अब मोबाइल व सोशल मीडिया जैसे अत्याधुनिक माध्यमों का प्रयोग करने लगे है. जिसके चलते शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी डाक पेटियां कम हो गई है.
* किस रंग की डाक पेटी का क्या है अर्थ
– लाल
शहर में लगी सभी डाक पेटियां लाल रंग की है. इन डाक पेटियों को जलद संदेश वहन के साथ ही अन्य जिलों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजे जाने वाले पत्र डालने हेतु प्रयोग में लाया जाता है.
– हरा
शहर में हरे रंग की भी 2 डाक पेटियां उपलब्ध है. इस रंग की डाक पेटियां जिलांतर्गत डाक के लिए होती है. अत: जिले के किसी इलाके में भेजे जाने वाले पत्र या डाक को हरे रंग की डाक पेटी में डाला जाना चाहिए.
– नीला
इस रंग की कोई पेटी शहर अथवा जिले में कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है. नीले रंग की डाक पेटी शहर में स्थानीय स्तर पर भेजे जाने वाले डाक व पत्र के लिए प्रयोग में लायी जाती है.
* आज लगभग सभी लोगों के पास स्मार्ट फोन आ गया है. साथ ही डाक विभाग में भी ई-प्रणाली का प्रयोग काफी बडे पैमाने पर होने लगा है. जिसके चलते पहले की तरह डाक का प्रयोग करना काफी हद तक कम हो गया है. इस समय डाक विभाग में ई-पोस्ट, स्पीड पोस्ट, बिजनेस पोस्ट व लॉजिस्टिक पोस्ट की तरह कई ई-प्रणाली नागरिकों की सेवा हेतु उपलब्ध है.
– डॉ. वसुंधरा गुल्हाणे,
अधीक्षक, डाक विभाग

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