अमरावती/दि.10 – संभाग के पांच जिलों में जनवरी 2021 से जुलाई 2021 तक सात माह की अवधि में 564 किसानों ने अपनी जीवन यात्रा समाप्त की है. संभाग में प्रतिदिन औसतन दो से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे है. बुलढाना जिले में सबसे ज्यादा 161 किसानों ने आत्महत्या की है. जबकि यवतमाल में 150, अमरावती में 146, अकोला में 71 और वाशिम जिले में 36 किसानों ने आत्महत्या की है.
संभाग में सात माह में 564 किसानों ने की आत्महत्या, जिसमें से सरकार ने केवल 150 परिवारों को पात्र ठहराया है. जबकि 172 आत्महत्याओं को अपात्र घोषित किया गया है. 242 आत्महत्याओं की जांच लंबित है. 150 पात्र किसान आत्महत्याग्रस्त परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की गई है.
सरकार नहीं गंभीर
विदर्भ में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है. पश्चिमी विदर्भ में किसाना आत्महत्या की संख्या सबसे अधिक है. कोरोना संकट काल में राज्य सरकार की पूरी व्यवस्था कोरोना को काबू में करने में लगी हुई थी. लेकिन किसान आत्महत्या का मुद्दा उतना ही गंभीर होने के बावजूद कोरोना काल में किसानों की समस्याओं की अनदेखी की गई. कोरोना काल में लॉकडाउन से किसान भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है. जून की शुरुआत में अच्छी बारिश के कारण किसानों ने क्षेत्र में बुवाई शुरु कर दी थी, लेकिन उसके बाद 15 से 20 दिनों तक बारिश नदारद होने से किसान चिंतित हो गए. इसी तरह जुलाई में हुई भारी बारिश ने कई किसानों की फसले तबाह की. नतीजतन, जून और जुलाई में भी किसान आत्महत्याओं का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा.
जिला वार किसान आत्महत्या
माह अमरावती यवतमाल अकोला बुलढाना वाशिम
जनवरी 29 20 09 23 06
फरवरी 16 26 14 14 03
मार्च 20 24 10 30 05
अप्रैल 16 19 11 19 03
मई 17 22 13 24 05
जून 31 24 08 25 05
जुलाई 25 15 06 26 09