* छोटे प्रकल्प सूखने की कगार पर
अमरावती/दि.27– ग्रीष्मकाल शुरु हो गया है. बढते तापमान के साथ ही पानी की मांग भी बढ रही है. जलापूर्ति के लिए जिले के लोग जिन प्रकल्पो पर निर्भर है उनमें फिलहाल 595 दलघमी जलसंग्रह है. यह प्रमाण क्षमता से 57 प्रतिशत रहने की जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया कि, कुछ छोटे प्रकल्प सूखने की कगार पर है. इसलिए पानी का उपयोग संभालकर करने के लिए कहा गया है.
अमरावती में अप्पर वर्धा के बडे बांध सहित 7 मध्यम और 46 लघु प्रकल्प है. अप्पर वर्धा की क्षमता 546 दलघमी है. फिलहाल उसमें 61 प्रतिशत अर्थात 346 दलघमी पानी है. सिंचाई के लिए भी इस प्रकल्प से पानी दिया जाता है. उद्योगो के लिए लगभग 26 दलघमी पानी देने का नियोजन है. अधिकारियों ने कहा कि, सबसे पहले लोगों की प्यास बुझाने के लिए पानी का नियोजन किया जाता है. उसके बाद अन्य कामों के लिए पानी दिया जाता है. पिछले सीजन में अप्पर के कैचमेंट एरिया में 1001 मिमी बारिश होने से बांध लबालब हो गया था. अनेक अवसरो पर पानी छोडना पडा.
अधिकारियों ने बताया कि, शहानूर, चंद्रभागा, पूर्णा, सापन, गडगा आदि नदियों पर स्थित मध्यम प्रकल्पो में 131 दलघमी पानी शेष है. सिंचाई सहित जलापूर्ति के लिए यह पानी रखा गया है. अधिकांश तहसील स्तर के शहर और देहाती भाग इन प्रकल्पो के पानी पर निर्भर है. बढते तापमान का अंदाज लेते हुए जलापूर्ति का प्रयत्न होगा. 46 छोटे प्रकल्पो में 56 प्रतिशत अर्थात 117 दलघमी पानी है. तथापि कुछ प्रकल्प सूखने की कगार पर है और उन प्रकल्पो पर निर्भर जलापूर्ति योजनाएं दिक्कत में आ सकती है. जलसंकट की स्थिति पैदा होने का अंदेशा है.
* जलसंग्रह की स्थिति
प्रकल्प उपलब्ध पानी प्रतिशत
अप्पर वर्धा 346 61
शहानूर 31 68
चंद्रभागा 32 78
पूर्णा 27 77
सापन 26 68
पंढरी 12 22
गर्गा 00 00
बोर्डी नाला 0.39 7
लघु प्रकल्प (46) 117 56