अमरावती

58 दिनों का सावन 3 जुलाई से

पुरुषोत्तम मास हेतु जप, तप, अनुष्ठान की सर्वत्र तैयारियां

* शहर के शिवालयों में श्रद्धालुओं व्दारा नियोजन भी
अमरावती/दि.27- अनेक दशकों बाद आए दो सावन माह के लिए शहर के शिवालयों सहित भाविक विभिन्न धर्मक्षेत्र में जप, तप, अनुष्ठान की तैयारी में जुट गए हैं. हर बार चातुर्मास आरंभ होता है. इस बार यह पांच माह का रहनेवाला है. जिससे त्यौहारों में थोडा विलंब होगा. किंतु भाविकों को अपने आराध्य विशेषकर शंकर भगवान की सेवा, पूजा-अर्चना, आराधना के लिए बडा अवसर मिलने वाला है. इस बार पवित्र सावन माह 58 दिनों का रहेगा. इसका प्रारंभ अगले सोमवार 3 जुलाई को गुरुपूर्णिमा से होने जा रहा है. यह जानकारी नगर के प्रसिद्ध पुरोहित पं. करण महाराज ने आज दोपहर अमरावती मंडल को दी.
* गडगडेश्वर में तैयारी लगभग पूरी
शहर के अनेक प्रसिद्ध शिवालयों में सावन माह की विशेष पूजा की तैयारी चल रही है. शिवभक्तों में बडा उत्साह है. कुछ शिवालय हाल के वर्षो में अपनी सुंदर शिवलिंग सजावट आदि के कारण बडे प्रसिद्ध हो गए हैं. ऐसे शिवालयों में गडगडेश्वर, प्रताप चौक के संकरेश्वर और कॉटन मार्केट के सिद्धेश्वर एवं तपोनेश्वर के नाम प्रमुख हैं. गडगडेश्वर में तडके 4 बजे से पूजा-अर्चना आरंभ होती है. उसकी तैयारी करीब-करीब पूर्ण हो जाने की जानकारी गडगडेश्वर भक्त मंडल ने दी. नित्य ही गडगडेश्वर की फूलों आदि से सुंदर सजावट हो रही है. सावन में इसमें और बढोतरी होगी.
* 3 जुलाई से 30 अगस्त
शहर के रामदेव बाबा मंदिर के पंडित प्रकाश महाराज ने बताया कि, सावन का शिवपूजन पर्व सोमवार 3 जुलाई से आरंभ हो रहा है. जो 30 अगस्त तक चलेगा. पहले 15 दिन अर्थात 18 जुलाई तक नियमित सावन रहेगा उसके शेष 15 दिन 17 अगस्त से रहेंगे. 30 अगस्त को राखी पूर्णिमा मनाई जाएगी. इसी दिन श्रावणी भी होती है, अर्थात शिवपूजन का समापन इस दिन होगा.
* कथाओं के आयोजन
पुरुषोत्तम मास में धर्म, कर्म को प्राधान्य रहता है. सावन का महीना अधिक यानी पुरुषोत्तम मास होने से निश्चित ही इस बार जप, तप, अनुष्ठान और भागवत कथाओं के आयोजन बहुतेरे होंगे. रॉयली प्लॉट स्थित सतीधाम मंदिर में 20 जुलाई से कथा का आयोजन हो रहा है. ऐसे ही बडनेरा रोड के भक्तिधाम में 26 जुलाई से भागवत ज्ञानयज्ञ का आयोजन लोहाना महिला मंडल व्दारा किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त तीर्थक्षेत्र में जाने की भी तैयारियां हो रही है. शंकरजी के प्रसिद्ध बारह ज्योर्तिलिंग की यात्रा की तैयारी के साथ ट्रैवल कंपनियां बुकिंग कर रही. उन्हें बढिया प्रतिसाद मिलता दिखाई दे रहा.
* दो शिवरात्री पूजन का अवसर
सावन माह की शिवरात्री विशेष फलदायी मानी जाती है. पुरोहितों ने भी इस शिवरात्री के व्रत का विधान और महत्व बतलाया है. दो सावन माह रहने से भक्तों को दो शिवरात्री पूजन का अवसर मिलने जा रहा. पं. प्रकाश महाराज के अनुसार दोनो माह की शिवरात्री का व्रत, पूजन किया जा सकता है विशेष फलदायी रहेगा.

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