अमरावती

पश्चिम विदर्भ के 511 सिंचाई प्रकल्प में 58 प्रतिशत पानी

और चार महिने पानी की करनी पडेगी बचत

अमरावती प्रतिनिधि/दि.13 – पिछले चार वर्ष तक बारिश अच्छी होने से पश्चिम विदर्भ के सिंचाई प्रकल्प 100 प्रतिशत भर गए थे. किंतु फरवरी महिने में जलाशय के पानी का स्तर कम हुआ है और पश्चिम विदर्भ के 511 सिंचाई प्रकल्प में औसतन 58 प्रतिशत पानी शेष है और 4 महिने पानी की बचत करनी पडेगी, इस तरह के विचार तज्ञों ने व्यक्त किये है.
जलसंपदा विभाग के 11 फरवरी के आंकडों के अनुसार 9 बडे प्रकल्प में 61.66 प्रतिशत पानी शेष है. 25 मध्यम प्रकल्प में 63.61 प्रतिशत पानी है तथा 477 लघु प्रकल्प में 49.58 प्रतिशत पानी शेष है. बडे, मध्यम व लघु इस तरह पश्चिम विदर्भ के 511 प्रकल्प में औसतन प्रकल्पिय संकल्पित उपयोक्त पानी यह 3283.60 दलघमी है. आज का उपयुक्त पानी यह 9204.53 दलघमी है. उसका औसतन यह 58 प्रतिशत इतना था. पिछले वर्ष अच्छी बारिश पडने से प्रकल्प में भी समाधानकारक जलापूर्ति हुई. पीने के पानी समेत सिंचाई की भी सुविधा हुई. कुछ प्रकल्प से रबी के लिए भी पानी दिया जाएगा. किंतु पीने के पानी के लिए रहने वाला आरक्षित जलसाठे में बचत करनी होगी.

  • ऐसी है बडे प्रकल्प के पानी की स्थिति

अमरावती शहर को जलापूर्ति करने वाले अप्पर वर्धा प्रकल्प में सर्वाधिक 65.54 प्रतिशत पानी है. यवतमाल जिले के पुस प्रकल्प में 64.30 प्रतिशत, अरुणावती 60.4 प्रतिशत, बेंबला 56.10 प्रतिशत, अकोला जिले के काटेपूर्णा प्रकल्प में 58.37 प्रतिशत, वाण प्रकल्प में 58.37 प्रतिशत, बुलढाणा जिले के नलगंगा प्रकल्प में 61.37 प्रतिशत, पेनटाकली 60.60 प्रतिशत, खडकपूर्णा प्रकल्प में 55.31 प्रतिशत पानी शेष है.

  • चार मध्यम प्रकल्प में सर्वाधिक पानी

पिछले वर्ष अमरावती जिले के मध्यम प्रकल्प 100 प्रतिशत भर गए थे. अभी भी मध्यम प्रकल्प में अच्छा पानी है. इसमें शहानुर मध्यम प्रकल्प में 81.514 प्रतिशत, चंद्रभागा 78.23 प्रतिशत, पूर्णा 75.35 प्रतिशत, सपन 81.04 प्रतिशत पानी है. अन्य जिले के 7 मध्यम प्रकल्प में 70 प्रतिशत से ज्यादा पानी की नोंद हुई है.

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