59 बसें कोरोना फ्री, किंतु यात्री बेफिक्र
एसटी बसों में किया जा रहा एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१८ – कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य परिवहन निगम की बसों में एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग किया जा रहा है. जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 368 बसों में से 238 बसों में एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग की जानी है. जिसके तहत अब तक पहले चरण में 59 बसों में एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग की जा चुकी है. ऐसे में अब इन बसों में यात्रियों को कोविड वायरस के विषाणुओं से सुरक्षा कवच मिलेगा.
किंतु यद्यपि बसें कोरोना मुक्त हो चुकी है, लेकिन बस में यात्रा करनेवाले यात्री पूरी तरह से बेफिक्र व लापरवाह दिखाई दे रहे है, क्योंकि अधिकांश यात्रियों द्वारा बसों में यात्रा करते समय मास्क का प्रयोग नहीं किया जाता. साथ ही इन दिनों बसों में भीडभाड भी बढने लगी है. जिसकी वजह से अब सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का भी बडे पैमाने पर उल्लंघन हो रहा है.
बता दें कि, एसटी बसों में कई स्थानों पर यात्रियों द्वारा स्पर्श किया जाता है. जिसकी वजह से कोविड सहित अन्य विषाणुओं के प्रसार का खतरा होता है. इस बात के मद्देनजर राज्य परिवहन निगम ने अपनी बसों में एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग करवाने का निर्णय लिया और यह कोटिंग करवानेवाली एसटी सबसे पहली यातायात संस्था है.
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साल में छह बार किया जायेगा कोटिंग
एक एसटी बस में एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग करने के बाद करीब दो माह तक यात्रियोें को सुरक्षा मिलेगी. ऐसे में राज्य परिवहन निगम द्वारा साल में छह बार बसों में यह कोटिंग करवायी जायेगी. इस हेतु प्रत्येक दो माह में हर एक बस में कोटिंग करवाने हेतु राज्य परिवहन निगम को 9 हजार 500 रूपये प्रति बस के हिसाब से खर्च करना होगा.
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संक्रमित के उठकर जाने पर खतरा नहीं लेकिन बगल में ही बैठे रहने पर?
इस समय कोविड संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाने के चलते कई गंतव्यों के लिए राज्य परिवहन निगम की फेरियां शुरू हो गई. जिनमें यात्री संख्या भी अच्छी-खासी देखी जाने लगी. लेकिन अधिकांश यात्रियों द्वारा बस में यात्रा करते समय मास्क का प्रयोग नहीं किया जाता. जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा बढ जाता है. ऐसे में ही यदि एसटी बस में यात्रा करते समय कोई व्यक्ति कोविड संक्रमित है, तो इससे अन्य यात्रियों के संक्रमित होने की संभावना होती है. जानकारी के मुताबिक एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग के चलते यदि किसी सीट पर बैठा कोई व्यक्ति वहां से उठकर बस से उतर जाता है और उस सीट पर कोई दूसरा व्यक्ति आकर बैठता है, तो बस में कोटिंग रहने की वजह से वह नया व्यक्ति संक्रमण की चपेट में नहीं आयेगा. लेकिन यदि किसी यात्री के बगल में ही कोई कोविड संक्रमित व्यक्ति बैठकर यात्रा कर रहा है, तो बगल में बैठे दूसरे यात्री के कोविड संक्रमित होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता.
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कोटिंग में विषाणु को नष्ट करने की क्षमता
यात्रियों द्वारा बस के गेट के हैण्डल, सीट के सामने लगे हैण्डल तथा खिडकी सहित अन्य कई हिस्सों में हाथों के जरिये स्पर्श किया जाता है. यदि उनके हाथों पर विषाणु है, तो वह विषाणु इन सभी स्थानों पर चिपक सकता है. जिसे नष्ट करने की क्षमता एंटी माईक्रोबियल केमिकल कोटींग में होती है. ऐसे में कुछ काम के लिए रापनि द्वारा निजी एजेंसी की नियुक्ती की गई है. जिसके द्वारा फिलहाल अमरावती व बडनेरा आगार में बसों की कोटिंग का काम किया जा रहा है.
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कहां कितनी बसोें की कोटींग
आगार कुल बसें कोटिंग हो चुकी बसें
अमरावती 52 46
बडनेरा 34 13
दर्यापुर 27 00
परतवाडा 33 00
चांदूर बाजार 21 00
वरूड 30 00
मोर्शी 23 00
चांदूर रेल्वे 21 00