अमरावती

तय समय के भीतर 59 हजार लोगों ने नहीं लिया दुसरा डोज

अब तक 10 लाख से अधिक टीके लगे, पहला डोज लगवानेवालों की संख्या सर्वाधिक

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२ – इस समय भले ही कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम हो चुका है. लेकिन संभावित तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है. ऐसे में तीसरी लहर के खतरे से बचने हेतु टीकाकरण का काम काफी तेज गति से किया जा रहा है. इसके साथ ही नौकरी एवं पढाई सहित अन्य महत्वपूर्ण कामों के लिए प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाना अनिवार्य किया गया है. जिसके चलते 18 से 44 वर्ष आयुगुटवाले लोगों की टीकाकरण केंद्रों पर अच्छी-खासी भीडभाड देखी जा रही है. इसके तहत 31 अगस्त तक 10 लाख 98 हजार 733 टीके लगाये जा चुके है. जिसमें से 7 लाख 91 हजार 451 लोगों ने वैक्सीन का पहला और 3 लाख 72 हजार 82 लोगों ने पहले के साथ ही दूसरा डोज भी लगवा लिया है. किंतु 49 हजार लोग ऐसे भी है, जिन्होंने वैक्सीन का पहला डोज तो लगवाया है, किंतु तय समयावधि पूर्ण होने के बावजूद वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाया.
बता दें कि, टीकाकरण अभियान के शुरूआती दौरे में कई लोगोें ने बडे उत्साह के साथ प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का पहला टीका लगवाया था. किंतु बाद में वैक्सीन की आपूर्ति का समीकरण गडबडा गया और कई लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज लेने हेतु लंबा इंतजार करना पडा. जिसकी वजह से कई लोगों ने दूसरा डोज लगवाने का पीछा ही छोड दिया. जबकि अब पर्याप्त मात्रा में कोविशिल्ड व को-वैक्सीन के भरपूर डोज उपलब्ध है. साथ ही अब टीकाकरण केंद्रों पर पहले की तरह लंबी-लंबी कतारे भी नहीं लगती और बडी आसानी के साथ महज कुछ मिनटों के भीतर टीकाकरण करवाया जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद पहला डोज लगवा चुके कई लोग वैक्सीन का दूसरा डोज लेने हेतु टीकाकरण केंद्र पर नहीं जा रहे. जबकि पहले डोज के साथ ही दूसरा डोज लगवाना भी बेहद आवश्यक व जरूरी है.
बता दें कि, कोविशिल्ड का पहला डोज लगवाने के बाद 84 दिन पश्चात तथा को-वैक्सीन का पहला डोज लगवाने के बाद 28 दिन पश्चात दूसरा डोज लगवाना आवश्यक होता है. लेकिन कई लोगों ने यह निर्धारित अवधि बीत जाने के बावजूद भी अब तक वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाया है.

  • क्या है दूसरा डोज नहीं लगाने के पीछे वजह

स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमरावती शहर व जिले में विगत 16 जनवरी से कोविड प्रतिबंधात्मक अभियान चलाया जा रहा है. शुरूआती दौर में इस अभियान को नागरिकों का कुछ हद तक अत्यल्प प्रतिसाद मिला. वहीं दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए लोगों ने बडी तेजी के साथ टीका लगवाना शुरू किया. अचानक ही टीका लगवाने के इच्छूकों की भीड बढ जाने के चलते वैक्सीन की उपलब्धता कम पडने लगी. ऐसे में पहला डोज लगवा चुके लोगों को दूसरा डोज लगाने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पडा और कई बार टीकाकरण केंद्रों के चक्कर भी काटने पडे. जिसकी वजह से कई लोगों ने तंग आकर दूसरे डोज का टीका लगवाने का विचार ही त्याग दिया.

जिले के विविध टीकाकरण केंद्रों पर कोविशिल्ड व को-वैक्सीन के टीके उपलब्ध है. ऐसे में सभी नागरिकों ने अपने आप को सुरक्षित रखने हेतु नजदिकी टीकाकरण केंद्रों पर जाकर वैक्सीन लगवानी चाहिए. साथ ही जिन लोगों ने पहला डोज लगवाने के बाद अब तक दूसरा डोज नहीं लगवाया है, उन्होंने जल्द से जल्द वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाना चाहिए.
डॉ. विनोद करंजीकर
जिला समन्वयक, टीकाकरण अभियान

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