अमरावती

जिले के 598 ग्राम पंचायत सदस्यों को मिली राहत

प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की समयावधि पुन: एक साल बढाई

* जाति वैधता प्रमाणपत्र का मामला
अमरावती/दि.15– तय की गई समयावधि में जाति वैधता प्रमाणपत्र चुनाव आयोग को प्रस्तुत न करने वाले जिले कके 598 ग्राम पंचायत सदस्यों पर अपात्रता की कार्रवाई की तलवार लटक रही थी. किंतु उन्हें प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने को पुन: 1 वर्ष की समयावृद्धि दी गई है. इससे संबंधित राज्यपाल का अध्यादेश आने से इन सदस्यों को अब काफी राहत मिली है. अध्यादेश के कारण इन सदस्यों के खिलाफ होनेवाली कार्रवाई फिलहाल तो टल गई है. दिसंबर 2022 में 252 जबकि उससे पूर्व 552 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक चुनाव संपन्न हुए. इनमें आरक्षित प्रभाग से 2931 उम्मीदवारों ने चुनाव लडा और वे चुनकर आए. किंतु इनमें से कुछ सदस्यों ने जाति वैधता प्रमाणपत्र चुनाव होने के बाद 30 दिनों के भीतर चुनाव विभाग के पास प्रस्तुत करना अनिवार्य होने के बावजूद भी प्रस्तुत नहीं किए.
जिले की 552 ग्राम पंचायतों में दिसंबर 2022 को आरक्षित सीटों पर चुनकर आए 2931 उमीदवारों में से चुनाव में चुनकर आए 598 सदस्यों ने निर्धारित अवधि में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया. जिसके कारण इससे संबंधित जानकारी आयोग ने मंगवाई थी. इन 598 सदस्यों का सदस्या रद्द होने के मार्ग पर रहने के चलते ही इस संबंध में मंत्रीमंडल की बैठक में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने को एक वर्ष की समयावृद्धि दी गई थी. किंतु राज्य में गत कुछ माह में अमल में नहीं लाने के कारण प्रशासन में संभ्रम था. इसी दौरान कुछ जिलो की ओर से आयोग से मार्गदर्शन मांगा गया. ऐसे में ही परभणी, बीड, नांदेड में कार्रवाई भी की गई है. किंतु इससे संबंधित अध्यादेश हाल ही में जारी किए जाने के कारण अब 598 सदस्यों को राहत मिली है. जिसके कारण उन्हें अब 1 वर्ष में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है.

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