* बच्चे के माता-पिता को बेवजह भागदौड
* अचलपुर-अमरावती-नागपुर वाया फिर अमरावती
अमरावती/ दि.14 – चिखलदरा तहसील के सोनापुर गांव के 6 माह के दुर्वी प्रमोद नामक बालक की इलाज के अभाव में मौत हो गई. इस बारे में बालक की लापरवाही के चलते मौत होने की बात मृत बालक के माता-पिता ने कही है. इसके कारण ग्रामीण जनता को सरकारी अस्पताल में कब उचित स्वास्थ्य सेवा मिलेगी, ऐसा प्रश्न ग्रामीणवासियों व्दारा पूछा गया है.
सोनापुर गांव के दुर्वी प्रमोद नामक 6 माह के बालक को अमरावती जिला अस्पताल में 11 फरवरी को उपजिला अस्पताल अचलपुर से रेफर किया गया था. जिला अस्पताल में पीआईसीयू सुविधा उपलब्ध न होने के कारण इस बालक को नागपुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया, परंतु बालक छोटा होने के कारण उसके माता-पिता उसे पीडिएमसी में लेकर गए. परंतु बालक को वहां भी इलाज के लिए भर्ती नहीं किया गया. तब बालक के माता-पिता निराश होकर लौटे और शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, मगर वहां भी भर्ती नहीं किया, जिसके कारण फिर से इर्विन अस्पताल लाया गया. वहां से भी नागपुर भिजवाया गया. नागपुर के मेडिकल कॉलेज में लापरवाही बरतने के कारण किराये के वाहन से माता-पिता उसे अमरावती लेकर आये. अमरावती के होप अस्पताल में बालक को भर्ती किया गया. 10 घंटे इलाज और वेंटीलेटर पर रखने के बाद बालक की मौत हो गई. बालक के माता-पिता के पास दवा तथा अस्पताल के रुपए देने के लिए नहीं थे. फिर भी अमरावती शहर के समाजसेवक व संगठना के लोगों ने सहायता करते हुए दवा का बिल दिया. खासबात यह कि, उन्हें सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं मिली. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बालक की लाश ऑटो के माध्यम से मेलघाट रवाना की. बालक की मौत लापरवाही की वजह से हुई है, ऐसा बालक के माता-पिता रोते हुए बता रहे थे. जिससे सरकारी अस्पताल में गरीबों को कब सुविधा मिलेगी, ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है.