अमरावती/दि.31 – एक नाबालिग लडकी के साथ छेडछाड करते हुए उसका विनयभंग करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए विशेष अतिरिक्त न्यायाधीश डी. डब्ल्यू. मोडक की अदालत में अलग-अलग धाराओं में अधिकतम 6 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 12 हजार रुपए के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माने की राशि में से 5 हजार रुपए पीडित पक्ष को नुकसान भरपाई के तौर पर दिए जाएंगे. वहीं आरोपी द्बारा जुर्माना नहीं अदा करने पर उसे अलग-अलग धाराओं में अधिकतम 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
जानकारी के मुताबिक 26 जून 2019 की रात 9 बजे राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली एक महिला अपने नाबालिग बेटी को सरोज कालोनी स्थित दवाखाने में स्वास्थ्य जांच के लिए लेकर गइ्र थी. स्वास्थ्य जांच के बाद उक्त महिला ने अपने बेटी को दवाखाने के सामने खडा किया और खुद पास ही स्थित मेडिकल में दवाई लाने हेतु गई इसी समय नीलेश खोंडे नामक आरोपी ने नाबालिग लडकी के शरीर पर गलत नीयत से हाथ घूमाते हुए उसका विनयभंग किया. इस समय नाबालिग लडकी काफी जोर से चिल्लाई, तो मेडिकल में खडी उसकी मां का ध्यान गया कि, एक व्यक्ति उसके बेटी के साथ गलत हरकत कर रहा है. ऐसे में वह तुरंत अपने बेटी के पास पहुंची और उसने आरोपी पर अपना गुस्सा जताया, तो आरोपी नीलेश खोंडे ने उक्त महिला का भी हाथ पकडकर उसको अपने पास खींचा. इस समय आसपास मौजूद लोगों ने आरोपी को पकडा, तो पता चला कि, उसका नाम नीलेश दामोदर खोेंडे (42, नंदनवन कालोनी, रुख्मिणी नगर निवासी) है. पश्चात उसे राजापेठ पुलिस के हवाले किया गया और शिकायत दर्ज कराई गई. जिसके आधार पर पुलिस ने भादंवि की धारा 354 व 354 (अ) तथा पोक्सो एक्ट की धारा 7, 8, 9 व 10 के तहत मामला दर्ज कर अदालत ने चार्जशीट पेश की. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष सरकार वकील एड. प्रफुल तापडिया ने प्रत्यक्षदर्शी गवाहों को पेश करते हुए शानदार युक्तिवाद किया. जिसे ग्राह्य मानते हुए न्या. डी. डब्ल्यू. मोडक की अदालत में आरोपी नीलेश खोंडे को नाबालिग लडकी के साथ छेडछाड मामले का दोषी करार दिया तथा अलग-अलग धाराओं में अधिकतम 6 साल के सश्रम कारावास व 12 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष सरकारी वकील एड. प्रफुल तापडिया एवं पैरवी अधिकारी के तौर पर नापोकां अरुण हटवार ने शानदार काम किया.