दो साल से प्रमाणपत्र की पूर्तता नहीं
अमरावती/दि.4- चुनाव आने पर 1 साल के भीतर जाति वैधता प्रमाणपत्र देना संबंधित सरपंच और सदस्यों को अनिवार्य है. लेकिन जनवरी 2021 में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में 598 सरपंच सदस्यों ने अभी तक प्रमाणपत्र नहीं दिया है. विशेष यानी इन सदस्यों को कोरोनाकाल के कारण 1 वर्ष की अवधि बढाकर दी गई थी. यह अवधि अब समाप्त होने से जिला प्रशासन व्दारा नोटिस दी गई है.
जिले में जनवरी 2021 में 542 ग्राम पंचायतों के चुनाव संपन्न हुए थे. इसमें 4867 ग्राम पंचायत सदस्यों में से 2931 आरक्षित प्रभागों में चुनाव लडने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति और नागरिकों के पिछडे प्रवर्ग में 2286 उम्मीदवारों ने निश्चित अवधि में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्राधिकृत अधिकारियों को प्रस्तुत किया है. ग्राम पंचायत के चुनाव के बाद कोरोना की दूसरी लहर आई थी और शासकीय कामकाज प्रभावित हुआ था. इस कारण तय 18 जनवरी 2022 की अवधि तक जाति वैधता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अधिकांश उम्मीदवारों को संभव नहीं हो पाया. इस कारण शासन व्दारा इसके लिए फिर से 1 साल की समयावधि दी गई थी और यह अवधि भी 17 जनवरी 2023 को समाप्त हुई है. इस कारण ग्राम विकास विभाग व्दारा उपसचिव मनोज जाधव ने 17 जनवरी 2023 के पत्र के जरिए जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत न करने वाले उम्मीदवारों पर महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1959 की धारा 10 (1 क) और धारा 30 (1 क) के प्रावधान के मुताबिक कार्रवाई करने के आदेश दिए है ऐसी जानकारी जिला चुनाव विभाग व्दारा दी गई है.
तो फिर सदस्यता रद्द
आरक्षित प्रभाग से विजयी हुए उम्मीदवारों व्दारा विजयी होने के 12 माह के भीतर जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है लेकिन प्रमाणपत्र प्रस्तुत न करने पर उन्हें नोटिस देकर उनका पक्ष जिलाधिकारी सुनेंगे और उचित न लगने पर तत्काल प्रभाव से उनका सरपंच अथवा सदस्य पद रद्द किया जाएगा.
जिला प्रशासन के रडार पर उम्मीदवार
अब तक जाति वैधता प्रमाणपत्र न देने वालों में अमरावती तहसील में 3, भातकुली 76, तिवसा 11, चांदुर रेलवे 12, अचलपुर 14, अंजनगांव सुर्जी 117, वरुड 22, दर्यापुर 95, धामणगांव रेलवे 18, नांदगांव खंडेश्वर 65, चांदुर बाजार 11, धारणी 117 और चिखलदरा तहसील में 37 सरपंच, सदस्यों का समावेश है.