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* प्रशासन के आह्वान का बहनों ने दिया प्रतिसाद
अमरावती/दि.10-राज्य विधान सभा चुनाव से पूर्व सरकार ने महिलाओं की आर्थिक उन्नति का कारण आगे करते हुए मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना घोषित की. इस योजना का लाभ मानक नहीं बैठने वाली बहनों ने भी लिया था. चुनाव में जीत हासिल होने के बाद महाराष्ट्र की तिजोरी पर बोझ बढने का कारण बताते हुए मानक में न बैठने वाली लाडली बहनों को लाभ छोडने का आह्वान प्रशासन की ओर से किया गया. प्रशासन के इस आह्वान को प्रतिसाद देते हुए जिले की 64 लाडली बहनों ने खुद होकर योजना का लाभ छोडने के लिए आवेदन किया है.
विधानसभा चुनाव में लाडली बहनों का महायुति के उम्मीदवारों का भारी वोटिंग मिला. सरकार ने इस योजना का लाभ 1500 रुपए से 2100 रुपए करेंगे, ऐसी घोषणा की. वहीं दूसरी ओर इस योजना के कारण अब सरकार की तिजोरी पर बोझ पडने की चर्चा शुरु है. एक योजना के कारण अन्य योजना भी ठप होती दिख रही है. इसलिए सरकार ने इस योजना को आगे शुरु रखने के लिए अपात्र बहनों को हटाने का निर्णय लिया. जिस प्रकार गैस सिलेंडर की सब्सिडी छोडने का आह्वान सरकार ने किया था, उसी प्रकार लाडली बहनों ने भी खुद होकर मानक में नहीं बैठ रहे हो तो लाभ न लेने का आह्वान किया गया. हालांकि, लाडली बहनों से उतना प्रतिसाद नहीं मिलने की आंकडेवारी जिला परिषद के महिला व बालकल्याण विभाग द्वारा प्राप्त हुई है. जिले में 7 लाख 20 हजार 575 आवेदन प्राप्त हुए है. इनमें से 22 हजार 472 आवेदन अपात्र ठहराए गए, इसलिए जिले में व6 लाख 98 हजार 103 बहनें ने इस योजना का लाभ लेने पात्र रही. जिले में योजना शुरु रहते दौरान आवेदनों की जांच उचित पद्धति से होने से सर्वाधिक 22 हजार आवेदन अपात्र ठहराए गए.
इस योजना का लाभ लेने के लिए जो बहनें मानक में नहीं आती है, वे आंगनवाडी सेविका से आवेदन भरकर लें. और वह आवेदन बाल विकास प्रकल्प अधिकारी को प्रस्तुत किया जाएगा. बाल विकास प्रकल्प अधिकारी वह आवेदन जिला परिषद महिला बालकल्याण विभाग के पास और वहां से वह आवेदन सरकार को भेजा जाएगा. आवेदन में महिलाओं को योजना लाभ खुद होकर छोड रहे है, ऐसा लिखकर देना होगा.
-विलास मरसाले, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी,
महिला बालकल्याण