अमरावती/दि.20– कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान जेलों को कोविड संक्रमण से मुक्त रखने के लिए जेल में कैदियों की संख्या को कम करने का निर्णय लिया गया था. जिसके तहत सात वर्ष से कम सजा प्राप्त रहनेवाले कैदियोें को कोविड आकस्मिक पैरोल मंजूर करते हुए रिहा किया गया था. मई 2020 से कैदियों को कोविड पैरोल पर छोडने की प्रक्रिया शुरू की गई थी और अब दो वर्ष बाद कोविड संक्रमण को लेकर हालात पूरी तरह नियंत्रित हो जाने के चलते इन कैदियों को जेल में वापिस बुलाने का निर्णय लिया गया है. जिसके चलते विगत आठ दिनों के दौरान अमरावती के मध्यवर्ती कारागार में पैरोल पर छोडे गये 65 कैदी वापिस लौट आये है.
बता दें कि, कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा लिये गये फैसले के चलते अमरावती की सेंट्रल जेल से कुल 380 कैदियों को कोविड आकस्मिक पैरोल पर छोडा गया था. यद्यपि नवंबर 2021 में ही अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में आ गई थी और अमरावती जिला लगभग पूरी तरह से कोविड मुक्त भी हो गया था. लेकिन पैरोल पर छोडे गये कैदियों को जेल में वापिस बुलाने के संदर्भ में जेल प्रशासन को राज्य के गृह विभाग की ओर से कोई आदेश नहीं मिला था. जिसके चलते पैरोल पर छूटे सभी 380 कैदी बाहर ही थे. इसे लेकर विगत दिनों ही दैनिक अमरावती मंडल द्वारा प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद विगत 5 मई को राज्य के गृह विभाग द्वारा स्थानीय जेल प्रशासन को आदेश जारी करते हुए कहा गया कि, इन सभी कैदियों के नाम संबंधित थाना प्रभारियों के जरिये नोटीस जारी करते हुए कैदियों को जेल में वापिस लौटने के निर्देश दिये जाये. इस आदेश की तामिल होने के बाद विगत आठ दिनों में 65 कैदी जेल में वापिस लोट आये है. परंतु अब भीी पैरोेल पर छोडे गये 315 कैदियो का कारागृह में वापिस लौटना बाकी है. जेल प्रशासन के मुताबिक यदि नोटीस मिलने के बाद 15 दिन के भीतर संबंधित कैदी अपनी बाकी की सजा काटने हेतु जेल में वापिस नहीं लौटते है, तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
* कोविड टेस्ट के बाद ही जेल में प्रवेश
इस बारे में जानकारी देते हुए अमरावती मध्यवर्ती कारागार के अधिक्षक भारत भोसले ने बताया कि, नोटीस मिलने के बाद वापिस लौटनेवाले कैदी की जेल के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही आरटीपीसीआर टेस्ट की जाती है. जिसके तहत थ्रोट स्वैब सैम्पल लेते हुए उसे जांच हेतु जिला सामान्य अस्पताल में भेजा जाता है. जहां से संबंधित कैदी की कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटीव आने के बाद ही उसे जेल के भीतर प्रवेश दिया जाता है.
* एक आरोपी पाया गया पॉजीटीव
जानकारी के मुताबिक पुलिस द्वारा किसी मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपी को न्यायालय में पेश किये जाने के बाद अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजने का आदेश दिया. जिसके पश्चात उस आरोपी की सबसे पहले जिला सामान्य अस्पताल में आरटीपीसीआर टेस्ट की गई. जिसकी रिपोर्ट पॉजीटीव आने पर इस आरोपी को इलाज के लिए सरकारी कोविड अस्पताल में भरती कराया गया.