अमरावती 17- मेलघाट के सतपुडा पहाडियों की वादियों में कोरकु आदिवासी बंधुओं का रहना है. इस समृद्ध वन्यप्रदेश समेत जिले में कुल 66 वनसब्जी दर्ज हुई है. बारिश के दिनों में यह वनसब्जी बाजार में विक्री के लिए उपलब्ध है. स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है. इसमें पत्ता सब्जी, फूल सब्जी, फल सब्जी आदि का समावेश है.
स्वास्थ्यवर्धक वनसब्जी मौसम के मुताबिक सहज उपलब्ध होती है. इन सब्जियों में लौह, तंतुमय पदार्थ व अन्य खनिज के साथ अनेक औषधी गुणधर्म रहते हैं. निसर्ग में उगनेवाली यह वनसब्जी प्रदूषणमुक्त रहती है. वनसब्जियों के सेवन के कारण शरीर को लंबे समय तक स्वास्थ्य लाभ होते है. बारिश का मौसम शुरु होते ही किसानों के खेतों में और गांव से सटकर यह वनसब्जी आने लगती है. बारिश के दिनों में वनसब्जियों की भरमार रहती है. नैसर्गिक पद्धति से उगाई गई प्रदूषणमुक्त यह सब्जी स्वास्थ्य के लिए अच्छी रहती है. यह सब्जी खाने में भी स्वादिष्ट रहती है. पूर्ण वर्ष मेथी, सेपू, पालक, गोभी, प्लॉवर, टिंडली, करेले, कद्दू, बैंगन खानेवालों को भी यह वनसब्जी लगती है. लेकिन वनसब्जी की पहचान न रहने से वे इससे वंचित रहते है. मेलघाट के आदिवासी बंधु और ग्रामस्तर की वरिष्ठ मंडली तथा सब्जियों की पहचान रहनेवाले आज भी इन सब्जियों का नियमित सेवन करते हैं. इसके पूर्व अंबाडी, लाल अंबाडी, भारंगी, तरोटा, अलू, वाघाटे, बांबू, कटूंली, शमी, उंबर, पाथर, मालकांगुनी, सुरण, सफेद मुसली, बोकर, आखाडा, जिवती के फूल आदि वनसब्जी बाजार में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में बिक्री के लिए आती है. 20, 30 रुपए से लेकर 50 रुपए तक जोडी मिलती है. जिवती, सफेद मुसली, कटूंले आदि दुर्लभ सब्जी लगभग अलिप्त हो गई है.
* लौह खनिज से समृद्ध वनसब्जी में औषधी गुणधर्म
सफेद मुसली, घोटवेल शक्तिवर्धक है. मालकांगणी बुद्धिवर्धक है, वाघाटी रोगप्रतिकारक शक्ति बढाती है. कटूंले डायबिटिज पर उपयुक्त है. कंद भी औषधी गुणधर्म से युक्त है. कटूंले में भारी मात्रा में विटामिन, मिनरल्स व फायबर है. सभी वनसब्जी स्वास्थ्यवर्धक है. वनसब्जियों में लौह व अन्य खनिज तथा औषधी गुणधर्म है.
– उज्वला ढेवले,
आहार तज्ञ अमरावती