अमरावती

जिले में पांच माह के दौरान म्युकर मायकोसीस के 66 मरीज मिले

इलाज के लिए इंजेक्शन की किल्लत

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७कोविड संक्रमण से ठीक होनेवाले कई मरीजों पर अब म्युकर मायकोसीस यानी ब्लैक फंगस नामक बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. अमरावती जिले में जनवरी से 15 मई तक साढे चार माह के दौरान सरकारी एवं निजी दवाखानों में इस बीमारी से संक्रमित 66 मरीज पाये गये है. जिसमें से 10 मरीजों पर जिला सामान्य अस्पताल के वॉर्ड क्रमांक 16 में इलाज किया जा रहा है और अब तक यहां पर म्युकर मायकोसीस से संक्रमित पांच मरीज ठीक हो चुके है. ऐसी जानकारी जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम द्वारा दी गई है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए सीएस डॉ. निकम ने बताया कि, यद्यपि म्युकर मायकोसीस एक जानलेवा बीमारी है, किंतु समय पर इलाज करने पर मरीज के ठीक होने का प्रमाण भी काफी अधिक होता है. कोविड संक्रमण पश्चात डायबिटीज को नियंत्रण में नहीं रखनेवाले मरीजों में इस बीमारी का प्रमाण देखा जा रहा है. जिनके इलाज हेतु उपयोगी साबित होनेवाले ‘लिपोसोमल’ तथा ‘एम्फोटोसिरीन-बी’ नामक इंजेक्शनों की इस समय अमरावती जिले सहित समूचे राज्य में किल्लत महसूस हो रही है और यह इंजेक्शन प्राप्त करने हेतु मरीजों के रिश्तेदारों को दर-दर भटकना पड रहा है. इस बीमारी का संक्रमण होने के बाद मरीज के स्वास्थ्य व आयु के हिसाब से उसे इस इंजेक्शन के 3 से 6 डोज रोजाना दो से तीन सप्ताह तक देने पडते है और यह इंजेक्शन काफी महंगा होता है. इस इंजेक्शन की किमत सात से आठ हजार रूपये है, यानी म्युकर मायकोसीस से पीडित मरीज के लिए रोजाना केवल इंजेक्शन पर ही 50 हजार रूपये का खर्च होता है और पूरे इलाज का खर्च लाखों रूपयों में चला जाता है.
इन दिनों इस इंजेक्शन की किल्लत रहने के चलते मरीजों का इलाज करने में डॉक्टरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. रविवार को म्युकर मायकोसीस संक्रमण का संदेह रहनेवाली एक महिला की मौत हुई. इस जिले में इस बीमारी की वजह से पहली मौत माना जा रहा है. इस महिला को कोविड संक्रमण के बाद यह इंफेक्शन हुआ था और उस पर एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. किंतु अब तक जिला प्रशासन द्वारा इस महिला की मौत म्युकर मायकोसीस से ही होने की पुष्टि नहीं की गई है.

विगत पांच माह के दौरान म्युकर मायकोसीस के कुल 66 मरीज पाये गये है. जिसमें से विगत सप्ताह 10 मरीज जिला सामान्य अस्पताल में भरती हुए थे. इनमें से इलाज पश्चात पांच मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गये है.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक

फिलहाल म्युकर मायकोसीस के इलाज हेतु उपयोगी रहनेवाले इंजेक्शन की किल्लत चल रही है. ऐसे में इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की मांग जिलाधीश से की गई है.
– डॉ. मनोज निचत
हृदय व मधुमेह तज्ञ

कोविड संक्रमण काल से पहले म्युकर मायकोसीस के सालभर में एक अथवा दो मरीज पाये जाते थे. किंतु अब 100 कोविड संक्रमित मरीजों में से 4 से 5 मरीज म्युकर मायकोसीस से संक्रमित पाये जा रहे है. यह फंगल इंफेक्शन सबसे पहले सायनस यानी नाक के पिछले हिस्से में होता है. जिसका तुरंत इलाज नहीं करने पर यह जबडे, आंखों और मस्तिष्क तक पहुंचता है. जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है. मैं अब तक म्युकर मायकोसीस के 25 मरीजों की शल्यक्रिया कर चुका हूं और सौभाग्य से सभी मरीज स्वस्थ व तंदुरूस्त है.
– डॉ. क्षितीज पाटील
ईएनटी विशेषज्ञ

विगत दस वर्ष के दौरान म्युकर मायकोसीस के केवल 2 मरीज पाये गये थे. किंतु कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अचानक ही इस फंगल इंफेक्शन से पीडित मरीजों की संख्या बढने लगी है और पांच लोगों की आंखे हमेशा के लिए खराब हो चुकी है. साथ ही 50 से अधिक मरीजों को कोविड संक्रमित होने के बाद आंशिक अंधत्व का सामना करना पड रहा है. इस बीमारी के प्राथमिक लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेने और इलाज करवाने से मरीज को बचाया जा सकता है.
– डॉ. हिमांशू देशमुख
नेत्र विशेषज्ञ

  • रोजाना 50 अधिक इंजेक्शनों की मांग

अमरावती शहर में ईएनटी यानी नाक, कान व गला विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या 15 से अधिक है. जिसमें से केवल 3 या 4 ईनएटी विशेषज्ञों द्वारा ही म्युकर मायकोसीस संक्रमित मरीजों की शल्यक्रिया की जाती है. साथ ही इस समय म्युकर मायकोसीस संक्रमित मरीजों के लिए रोजाना 50 से अधिक इंजेक्शनों की जरूरत पड रही है. किंतु इसकी तुलना में बेहद कम संख्या में इंजेक्शन उपलब्ध हो रहे है.

  • मरीज को रोजाना लगते है 3 से 6 डोज

म्युकर मायकोसीस मरीज के स्वास्थ्य एवं आयु को देखते हुए उसे रोजाना 3 से 6 इंजेक्शन लगाने की जरूरत पडती है और 2 से 3 सप्ताह के दौरान 60 से 126 इंजेक्शन मरीज को लगाने पडते है. यह इंजेक्शन काफी महंगा रहता है. जिसका खर्च लाखों रूपये हो सकता है. वहीं शल्यक्रिया करने की जरूरत पडने पर शल्यक्रिया पर होनेवाला खर्च भी लाखों रूपयों में होता है. ऐसे में म्युकर मायकोसीस नामक बीमारी का इलाज काफी महंगा होता है.

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