अमरावती

66 वर्षीय माया हरवानी एमडीआरटी के लिए चयनित हुई

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की उपलब्धि

अमरावती/ दि. 18- रिटायरमेंट के समय सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर शांतप्रिय तरीके से अपनी जिन्दगी का निर्वहन करने की इच्छा सभी की होती है. विशेषत: महिलाओं की उम्र में उतार-चढाव होने के चलते उन्हें अक्सर इस मामले में नाराजगी रहती है. परंतु इन सभी बातों को भूलाकर बीमा क्षेत्र में काम करनेवाली सिंधी समाज की एक 66 वर्षीय महिला माया हरवानी ने अमरावती स्थित मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्बारा एमआरडीटी ( मिलियन डॉलर राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस युएसए- 2022 ) के लिए चयनित हुई है.
बीमा क्षेत्र में एमडीआरटी कॉन्फ्रेंस का काफी महत्व है. कॉन्फ्रेंस को ऑस्कर अवार्ड से भी पहचाना जाता है. जिसके चलते बीमा क्षेत्र में काम करनेवाले हर किसी का इस कॉन्फ्रेंस में चयन होना बेहद बडी कामयाबी मानी जाती है. अमरावती जैसे छोटे शहर से कॉन्फ्रेंस के लिए 66 वर्षीय माया हरवानी के चयन पर सभी ओर से अभिनंदन की वर्षा हो रही है. उनकी इस सफलता की शुरूआत 2016 के फरवरी माह से मैक्स लाइफ कार्यालय से शुरू हुई. शुरूआत के दौर में वे एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर कार्यरत थी. जिन्होंने 6 साल में बीमा क्षेत्र में कई उपलब्धियां प्राप्त की है. उनकी इस सफलता की तारीफ हर ग्राहक कर रहा है. ग्राहक भी उनका आभार व्यक्त कर रहे है.
उन्होंने बताया कि शुरूआती दौर में बीमा कंपनी तथा बीमा से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी उन्हें नहीं थी. कपंनी से जुडने के बाद ठीक तरीके से प्रशिक्षण लेने के बाद योग्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ और आज यह मुकाम हासिल करने का मौका आया.
उनकी इस सफलता में दो भाई विवेक इसरानी तथा डॉ. अनिल इसरानी ने काफी सहयोग किया. इसके साथ ही उनकी दोनों पुत्री ममता और कांचन का भी भरपूर प्यार मिला. उन्होंने इमीडिएट सुपर वाइजर नीलेश अग्रवाल का भी विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया है. माया हरवानी ने इस सफलता का श्रेय शाखा के प्रमुख गौरव अग्रवाल, उपशाखा प्रमुख इंद्रनील मजूमदार व बैंक में कार्यरत श्रध्दा जारे, सागर नाले, ट्रेनिंग मैनेजर रूचिता यादव को दिया है.
* माया हरवानी की उपलब्धियां
वर्ष 2016 में माया हरवानी प्रथम इंटरनेशनल ट्रिप के लिए सिंगापुर गई. उसके बाद 2017 में दुबई, 2021 मे थाइलैंड गई. अब सबसे बडी उपलब्धि एमडीआरटी-2022 में चयन होने पर मिली है. उनकी यह सफलता महिलाओं के लिए विशेषत: सिंधी समाज में एक प्रेरणा मानी जा रही है.

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