अमरावती

संभाग के बडे प्रकल्पों में 67.47 प्रतिशत जलसंग्रह

चंद्रभागा बांध में 72, वर्धा में 68.37 प्रतिशत पानी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26 – संभाग के पांच जिले के जल प्रकल्पों के जलसंग्रह में वृध्दि हो गई है. अमरावती शहर की प्यास बुझाने वाले अपर वर्धा प्रकल्प में 68.37, चंद्रभागा में 72 प्रतिशत जलसंग्रह होने के साथ ही सभी प्रकल्पों का जलसंग्रह 67.47 प्रतिशत तक हुआ है. बारिश ने बीच बीच में कई दिनों का ब्रेक देने के बाद भी यह स्थिति बनी हुई है. बडे, मध्यम तथा लघु प्रकल्पों में भी जलसंग्रह बढ गया है. जलसंग्रह बढने के कारण कई प्रकल्पों के दरवाजे खोले गए है.
बारिश में अनियमितता रहने के बाद भी नदी-नालों में काफी मात्रा में जलसंग्रह जमा हुआ है. पिछले दिनों कई प्रकल्पों के दरवाजे खोलने पडे थे. संभाग के 9 बडे प्रकल्पों में 24 अगस्त की सुबह 7 बजे तक 70.98 प्रतिशत जलसंग्रह होने की जानकारी विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल, नागपुर की ओर दी गई थी. यवतमाल के पुस प्रकल्प में शतप्रतिशत जलसंग्रह हुआ है. लगातार बारिश नहीं होने के बावजूद भी संभाग में पेयजल के साथ ही सिंचाई की जरुरत को पूरा करने में योगदान देने वाले बडे 9 प्रकल्पों में भारी मात्रा में जलसंग्रह हुआ है. अमरावती के उर्ध्व वर्धा, यवतमाल के पुस, अरुणावती व बेंबला, अकोला के काटेपूर्णा, वान, बुलढाणा के नलगंगा, पेनटाकली व खडकपूर्णा प्रकल्पों का समावेश है. सभी प्रकल्पों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अभी तक का जलसंग्रह बेहतर है. उर्ध्व वर्धा 68.37, पुस प्रकल्प 100, अरुणावती 85.60, बेंबला 86.75, काटेपूर्णा 93.23, वान 72.01, नलगंगा 27.97, पेनटाकली 36.30 तथा खडकपूर्णा प्रकल्प में 33.51 प्रतिशत जलसंग्रह बढने की जानकारी मिली है. लगातार बारिश के कारण सभी बडे प्रकल्पों में जलसंग्रह बढ गया है. इन प्रकल्पों में अब 70.98 प्रतिशत जलसंग्रह हो गया है.
बारिश की अनियमितता के बाद भी संभाग के मध्यम प्रकल्पों में जलसंग्रह बढा है. संभाग में 25 मध्यम प्रकल्प है. इन प्रकल्पों में भी जलसंग्रह बढ गया है.

हाल की घटी में इन प्रकल्पों में 73.03 प्रतिशत जलसंग्रह होने की जानकारी मिली है. मंगलवार की सुबह के 7 बजे तक 73.03 प्रतिशत जलसंग्रह हो गया है. इन प्रकल्पों में अमरावती के शहानुर, चंद्रभागा, पूर्णा, सपन, पंढरी, यवतमाल के अधरपुस, सायखेडा, गोकी, वाघाडी, बोरगांव, नवरगांव, अडाण, अकोला के निर्गुण, मोर्णा, उमा, घुंगशी बैरेज, वाशिम जिले के एक बुर्जी, बुलढाणा जिले के ज्ञानगंगा, पलढग, मस, कोराडी, मन, तोरणा तथा उतावली प्रकल्प का समावेश है.
संभाग में 477 लघु प्रकल्प है. इन लघु प्रकल्पों में भी जलसंग्रह बढ गया है. लघु प्रकल्पों में 59.65 प्रतिशत जलसंग्रह हो गया है. विशेष बात यह कि समय से पहले आये मान्सून पहले कुछ दिनों में अच्छा बरसने के बाद कई दिनों तक ब्रेक देने से किसानों की चिंता बढ गई थी. लेकिन बीते सप्ताह की बारिश सेे फसलों में जान आ गई है. जिससे किसानों के चेहरे खिल गए है.

  • जलसंग्रह 67.47 प्रतिशत

संभाग में बडे, मध्यम व लघु प्रकल्प मिलाकर कुल 511 जलप्रकल्प हैं. इनमें प्रकल्पीय संकल्पित उपयुक्त क्षमता 3283.60 दलघमी है. 24 अगस्त तक इनमें 2215.45 दलघमी जलसंग्रह यानी 67.47 प्रतिशत जलसंग्रह रहने की जानकारी प्राप्त हुई थी. बडे, मध्यम प्रकल्पों में भी जलसंग्रह में बडे पैमाने पर वृध्दि हुई है. बारिश ने ब्रेक देने के कारण जिले की कई तहसीलों में औसत से कम बारिश हुई है, फिर भी संभाग के बडे, मध्यम तथा लघु प्रकल्पों में जलसंग्रह में तेजी से बढोतरी हो रही है.

  • संभाग के कुछ प्रकल्प के गेट खुले

बारिश के कारण संभाग के पुस प्रकल्प, यवतमाल के बेंबला प्रकल्प के दो गेट, काटेपूर्णा के दो गेट तथा वान प्रकल्प के दो गेट 20 सेंटीमीटर तक खुले हैं. इतना ही नहीं तो मध्यम प्रकल्प में पूर्णा, अधरपुस, सायखेडा, वाघाडी, बोरगांव, निर्गुणा, घुंगशी बैरेज, एकबुर्जी, कोराडे, उतावली इन प्रकल्पों के दरवाजे भी खोल दिये जाने की जानकारी है.

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