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* चार दिन में 214 प्रजातियों की जानकारी दर्ज
अमरावती /दि. 19– मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प द्वारा 13 से 16 फरवरी के दौरान तीसरे बर्ड काऊंट यानी पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया गया था. जिसमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगना व गुजरात जैसे चार राज्यों के कुल 48 पक्षी अभ्यासक शामिल हुए थे. चार दिन चले इस बर्ड काऊंट के दौरान मेलघाट क्षेत्र में पक्षियों की 214 प्रजातियां रहने की जानकारी दर्ज की गई. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस बार के सर्वेक्षण के दौरान मेलघाट में पक्षियों की 7 नई प्रजातियां पाई गई यानी घनें जंगलों से आच्छादित मेलघाट के व्याघ्र प्रकल्प की वन्यजीव संपदा में और भी इजाफा हुआ है.
इस पक्षी सर्वेक्षण का उद्घाटन 13 फरवरी को सेमाडोह में हुआ था. जिसके बाद मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के गुगामल, सिपना व मेलघाट वन्यजीव विभाग के करीब 25 कैम्पो पर जाने हेतु सरी पक्षी अभ्यासक रवाना हुए. इस सर्वेक्षण के दौरान पक्षी अभ्यासकों द्वारा देखे गए पक्षियों की जानकारी को ई-बर्ड नामक वेबसाईट की ट्रीप रिपोर्ट में दर्ज किया गया. साथ ही प्रपत्रो में लिखित तौर पर भी पक्षी निरीक्षण की जानकारी दर्ज की गई. जिसके मुताबिक सभी पक्षी अभ्यासकों ने चार दिनों के दौरान ई-बर्ड वेबसाईट पर 599 चेकलिस्ट दर्ज थी. प्राथमिक जानकारी के मुताबिक इस सर्वेक्षण के जरिए मेलघाट में इससे पहले पाई गई पक्षियों की 310 प्रजातियों में से करीब 214 प्रजातियों के पक्षी देखे गए. जिनमें सबसे अधिक संख्या जंगल सातभाई व टोई पोपट प्रजाति वाले पक्षियों की रही. साथ ही इससे पहले के सर्वेक्षण में शामिल नहीं रहनेवाली 7 प्रजातियां भी इस बार के सर्वेक्षण दौरान मेलघाट में देखी गई है. जिनमें कमल पक्षी, सोनकमल पक्षी, चिखली तुतारी, तपकिरी गप्पीदास, मुकुटधारी वटवट्या व तिरंदाज प्रजाति के पक्षियों का समावेश था. इस नई जानकारी के सामने आते ही अब मेलघाट में पाए जानेवाले पक्षियों की प्रजातियों की संख्या 315 पर पहुंच जाएगी.
* इससे पहले वर्ष 2023 में हुए पहले बर्ड काऊंट में पक्षियों की 11 नई प्रजातियां मेलघाट क्षेत्र में पाई गई थी. वहीं वर्ष 2024 में 2 तथा अब वर्ष 2025 में 7 नई प्रजातियों पाई गई है. मेलघाट की शान रहनेवाला रानपिंगला पक्षी कई पक्षी अभ्यासकों के लिए आकर्षण का केंद्र था. जो इस सर्वे के दौरान कई स्थानों पर दिखाई भी दिया.
– डॉ. जयंत वडतकर
मानद वन्यजीव रक्षक व पक्षी अभ्यासक.