अमरावती

जिले में 7 हजार जलस्त्रोतों की जांच

मुख्य कार्यकारी अधिकारी आये ‘इन एक्शन’

* कॉलरा के संक्रमण को लेकर प्रशासन हुआ गंभीर
अमरावती/दि.14- आदिवासी बहुल मेलघाट के चिखलदरा तहसील के कोयलारी व पाचडोंगरी गांव के साथ-साथ अमरावती तहसील के वलगांव एवं नया अकोला गांवों में डायरिया व कॉलरा का संक्रमण फैलने की जानकारी सामने आते ही इसे प्रशासन ने बडी गंभीरता से लिया है और जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अविश्यांत पंडा ने सावधानी व सतर्कता के उपाय के तौर पर जिले में 7 हजार 871 जलस्त्रोतों की जांच करते हुए आवश्यक उपाय योजनाएं करने के दिशानिर्देश जारी किये है. इसे लेकर गटविकास अधिकारियों के मार्फत ग्राम पंचायतों को तमाम जरूरी आदेश दिये गये है. जिले में अब कहीं पर भी कोयलारी व पाचडोंगरी जैसी स्थिति दुबारा निर्माण न हो, इस हेतु सभी पंचायत समितियों द्वारा हर एक ग्रामपंचायत क्षेत्र में जलस्त्रोतों की जांच-पडताल का अभियान चलाया जायेगा.
बता दें कि, विगत 7 जुलाई को कोयलारी व पाचडोंगरी गांव में डायरिया व कॉलरा के संक्रमण की चपेट में आकर चार लोगों की मौत हुई थी. साथ ही करीब 400 लोग बीमार पडकर इलाज करवाने हेतु अस्पताल पहुंचे थे. गांव में स्थित कुएं के दूषित पानी को पीने की वजह से यहां पर डायरिया व कॉलरा फैला, ऐसी जानकारी सामने आयी. जिसे खुद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बडी गंभीरता से लिया. ऐसे में जिला प्रशासन पहले की तुलना में कहीं अधिक सतर्क हो गया. इसी के तहत जिप सीईओ अविश्यांत पंडा ने 14 पंचायत समितियों के गट विकास अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाते हुए बारिश के मौसम दौरान संक्रामक रोग, प्राकृतिक आपदा जैसी बातों पर पूरा ध्यान रखने का निर्देश दिया है, ताकि संभावित नुकसान को टाला जा सके. जिप सीईओ ने ग्राम पंचायत स्तर पर पीने हेतु पानी की आपूूर्ति करनेवाले जलस्त्रोतों की समय-समय पर जांच करने और अन्य जरूरी सावधानियां बरतने की जिम्मेदारी जल सुरक्षा रक्षक, ग्राम पंचायत कर्मचारी तथा स्वास्थ्य सेवकों पर सौंपी है. ग्राम पंचायत स्तर पर जलापूर्ति करनेवाले जलस्त्रोतों की नियमित जांच करने के साथ ही इन जलस्त्रोतों व आसपास के परिसर की नियमित रूप से साफ-सफाई करने, जलापूर्ति करनेवाली पाईपलाईन के लिकेज को तत्काल दुरूस्त करने, जलापूर्ति करनेवाले जलकुंभों की नियमित रूप से साफ-सफाई करने, इन जलकुंभों में नियमित रूप से ब्लिचिंग पाउडर व क्लोरिन लिक्विड डालने आदि को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किया गया है. इसके अलावा पंचायत समिती स्तर पर संक्रामक रोग, प्राकृतिक आपदा व नुकसान जैसे महत्वपूर्ण बातों पर नियंत्रण रखने हेतु बीडीओ के नेतृत्व में वॉर रूम स्थापित करने और यहां पर तीन शिफ्ट में 24 घंटे के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति करते हुए इसकी रिपोर्ट रोजाना सीईओ को देने का निर्देश भी दिया गया है.

* विस्तार अधिकारी रखेंगे नजर
ग्राम पंचायतों हेतु जारी किये गये निर्देशों पर सही ढंग से काम हो रहा है अथवा नहीं, इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी संबंधित पंचायत समितियों के पंचायत, स्वास्थ्य व कृषि विभाग के विस्तार अधिकारियों पर सौंपी गई है. जिन्हें हर दो-तीन दिन में अपने अधीन आनेवाली ग्राम पंचायतों का दौरा करना होगा और इसकी रिपोर्ट बीडीओ के जरिये सीईओ को सौंपनी होगी.

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