नाबालिग को भगा ले जानेवाले को 7 वर्ष का कारावास

अदालत ने 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

* एड. सोनाली क्षीरसागर की सफल पैरवी
अमरावती /दि.20– मोर्शी पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत साढे 16 वर्षीय नाबालिग युवती को भगा ले जाने व उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के मामले में नामजद आरोपी संजय श्यामराव युवनाते (38, डगरा फाटा, तह. आठनेर, जि. बैतूल, मप्र) को दोषी करार देते हुए वरुड के जिला व सत्र न्यायाधीश ए. एस. आवटे ने उसे 7 वर्ष के कारावास व 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. साथ ही दंड की रकम नुकसान भरपाई के तौर पर पीडिता को सौंपी जाएगी. इस मामले में सहायक सरकारी अभियोक्ता एड. सोनाली सुबोध क्षीरसागर ने प्रभावी युक्तिवाद किया.
इस्तगासे के मुताबिक मोर्शी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में रहनेवाली साढे 16 वर्षीय नाबालिग लडकी 12 नवंबर 2015 को सुबह के वक्त अपने घर से नित्यकर्म निपटाने हेतु निकली और फिर अपने घर पर वापिस ही नहीं लौटी. जिसके चलते उक्त नाबालिग लडकी की मां व अन्य परिजनों उसकी खोजबीन करनी शुरु की, परंतु उसका कहीं कोई अता-पता नहीं चल पाया. साथ ही इस दौरान यह जानकारी भी सामने आई कि, उक्त नाबालिग के पडोस में रहनेवाला संजय युवनाते नामक विवाहित व्यक्ति भी अपने घर से गायब है. जिसके चलते नाबालिग की मां ने मोर्शी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद 14 नवंबर नाबालिग पीडिता ने अपनी मां को फोन करते हुए बताया कि, उसे संजय युवनाते ने भगा लिया है. साथ ही 24 नवंबर को उक्त नाबालिग ने अपने पडोस में रहनेवाले व्यक्ति को फोन करते हुए जानकारी दी कि, संजय युवनाते उसे भगाकर कर्नाटक ले आया है और उसे वहीं पर छोडकर वह कहीं चला गया है. ऐसे में पीडिता की मां ने एक बार फिर पुलिस थाने जाकर इसकी जानकारी दी. जिसके आधार पर मोर्शी पुलिस ने संजय युवनाते के खिलाफ भादंवि की धारा 363, 366 व 376 तथा पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत अपराध दर्ज किया. साथ ही 2 मार्च 2016 को पुलिस ने कर्नाटक जाकर पीडिता को वहां से वापिस लाया. जिसका बयान दर्ज करते हुए आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले में भादंवि की धारा 376 (1) व पोक्सो एक्ट की धारा 3 को जोडा गया. साथ ही मामले की जांच पूरी कर अदालत में चार्जशीट पेश की गई. जहां पर हुई सुनवाई पश्चात अदालत ने आरोपी संजय युवनाते को नाबालिग का अपहरण करने व नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का दोषी करार देते हुए उसे 7 वर्ष के कारवास तथा 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. वहीं जुर्माने की राशि नुकसान भरपाई के तौर पर पीडिता को दी जाएगी.
इस मामले में सहायक सरकारी अभियोक्ता सोनाली क्षीरसागर द्वारा अभियोजन पक्ष की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी की गई. जिन्हें जांच अधिकारी प्रियंका तोटेवार तथा कोर्ट पैरवी अधिकारी वैशाली का भरपूर सहयोग मिला.

Back to top button