अमरावती

तत्कालीन पुलिस निरीक्षक समेत 7 को दो वर्ष कारावास

बेहिसाब प्रापर्टी जमा करने का मामला

अमरावती/दि.20 – तत्कालीन पुलिस निरीक्षक मनोहर बलिराम सोनोने ने बेहिसाब व बेनाम प्रापर्टी जमा करने के मामले जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 2 के न्यायमूर्ति एच.के.भालेराव की अदालत ने 7 लोगों को दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
मनोहर बलिराम सोनोने मूल दर्यापुर निवासी है. वे 1972 में पुलिस उपनिरीक्षक के रुप में कार्यरत हुए. आगे उनकी पुलिस निरीक्षक के रुप में पदोन्नति हुई. पुलिस सेवा में रहते समय उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक बेहिसाब प्रापर्टी जमा की. उनके खिलाफ अभियोग पक्ष में सिविल लाइन पुलिस थाने में शिकायत दी थी. इस मामले तहकीकात कर मामला अदालत में दायर किया गया. आरोपी मनोहर सोनोने ने पुलिस सेवा काल में पत्नी राजकन्या सोनोने, पुत्र येागेश सोनोने, अनिल नत्थु राउत, अरुण लखोजी बांगर, शेख हुसैन अब्दुल गफ्फार, शेख रफीक अब्दुल गफ्फार आदि के नाम पर स्थायी प्रापर्टी, खेत, प्लाट व अन्य प्रापर्टी खरीदी. उन्होंने इस रुपयों से मृत ससुर नत्थु राउत के नाम भी खेती खरीदी थी. वह खेती पत्नी के नाम पुरस्कार पत्र के व्दारा की थी.
सोनोने ने 1972 से 1997 के बीच बेहिसाब गैर प्रापर्टी जमा की. इस मामले में 53 गवाहों के बयान लिये गए. इसी तरह लगभग 860 दस्तावेज सबूत के तौर पर सिध्द किये गए. मामला न्यायप्रविष्ठ रहते समय आरोपी प्रकाश नत्थु राउत व नत्थु लक्ष्मण राउत की मृत्यु हो गई. उस दौरान अदालत ने लिये बयान, इसी तरह पेश किये गए दस्तावेज व अन्य सबुतों को मान्य करते हुए आरोपी मनोहर सोनोने व्दारा बेहिसाब प्रापर्टी जमा करने के मामले में 2 वर्ष सश्रम कारावास की सजा, 50 हजार रुपए का जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर दो माह साधी कैद, इसी तरह बेहिसाब प्रापर्टी जमा करने पर दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा व 10 जुर्मान तथा जुर्मान न भरने पर एक माह साधा कारावास की सजा सुनाई. इसी तरह आरोपी राजकन्या सोनोने, योगेश सोनोने, अनिल नत्थु राउत, अरुण लघुखी बांगर, शेख हुसैन अब्दुल गफ्फार, शेख रफीक अब्दुल गफ्फार को बेहिसाब प्रापर्टी जमा करने के बार में दो वर्ष सश्रम कारावास, प्रति 25 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना नहीं भरने पर दो माह साधे कारावास की सजा सुनाई.

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