विदर्भ में 8 माह में 700 किसानों ने की खुदकुशी
यवतमाल जिले में सर्वाधिक 204 आत्महत्या
* अमरावती जिले में 180 किसानों ने लगाई फांसी
अमरावती/दि.18- राज्य में सर्वाधिक किसान आत्महत्या पश्चिम विदर्भ में हो रही हैं. विदर्भ में इस बार 8 माह में 698 किसानों ने खुदकुशी की हैं. हर 8 घंटे में एक किसान नैसर्गिक आपदा का शिकार हो रहे हैं.
नैसर्गिक आपदा, आकाल, बैंक और साहूकारों का कर्ज, कर्ज के लिए दबाव, बेटी का विवाह, बीमारी सहित अन्य कारणों से किसान आत्महत्या में भारी मात्रा में बढोत्तरी हुई हैं. इसमें मराठवाडा के किसान संभल गए. लेकिन पश्चिम विदर्भ के किसान अभी भी संघर्षरत हैं. इसके लिए शासन- प्रशासन के प्रयास कम पडने से हर दिन तीन किसान खुदकुशी कर रहे हैं. किसान आत्महत्या का सिलसिला जिले में वर्ष 2001 से शुरू हुआ और तब से जिले में किसान आत्महत्या दर्ज की जा रही हैं. इसके मुताबिक अमरावती विभाग में अब तक 20 हजार 772 किसान आत्महत्या हुई हैं. इसमें से 10 हजार 763 प्रकरण विविध कारणों से अपात्र तथा 9 हजार 735 प्रकरण पात्र साबित हुए हैं. 9537 प्रकरणों में शासन सहायता दी गई हैं. अब तक 274 प्रकरण जांच के लिए प्रलंबित हैं. शासन-प्रशासन किसान आत्महत्या बाबत गंभीर न रहने से कोई भी उचित उपाय योजना इसमें न होने का किसानों का आरोप हैं.
हर दिन 3 किसानों की आत्महत्या
– इस बार 8 माह में 698 किसानों ने आत्महत्या कि हैं. इसमें यवतमाल जिले में सर्वाधिक 204, अमरावती 180, बुलढाना 155, अकोला 106 और वाशिम जिले में 53 किसान आत्महत्या हुई हैं.
– इसमें से 218 प्रकरण पात्र, 215 अपात्र, 265 जांच के लिए प्रलंबित हैं. केवल 65 प्रकरणों में शासन सहायता दी गई हैं. संभाग में हर तीन घंटे में एक किसान आत्महत्या हो रही हैं.