दो साल से वृद्ध कलाकार की 700 फाईले खा रही धूल
चयन समिति का गठन न होने से मामला अधर में
* अनेक बार मांग करने के बावजूद अनदेखी
* अब लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता बनी अडंगा
अमरावती/दि.29– संगीत, कला और विविध सांस्कृतिक उपक्रमो के माध्यम से समाज का प्रबोधन और मनोरंजन करनेवाले कलाकारो को शासन के समाज कल्याण विभाग की तरफ से मानधन दिया जाता है. लेकिन ऐसे कलाकारो की पात्रता ठहरानेवाली समिति का गठन न होने से पिछले दो साल से जिले के 700 वृद्ध कलाकारो का प्रस्ताव धूल खा रहा है. अब किसी तरह समिति का गठन हुआ लेकिन लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता की दुविधा निर्माण होने से फिर से यह मुद्दा ‘जैसे थे’ है.
विशेष यानी पडोस के कुछ जिलो की तुलना में अमरावती जिले की ही चयन समिति का गठन अटका रहा. ढाई वर्ष पूर्व शासन में हुए बदलाव और उसके बाद की अवधि में पालकमंत्री के हुए बदलाव के कारण यह गठन अटका रहा, ऐसी जानकारी है. इस कारण प्रस्ताव प्रस्तुत करनेवाले कलाकारो को मानधन के लिए पात्र अथवा अपात्र, यह बात जानने के लिए आगामी तीन माह के बाद होनेवाली समिति की पहली बैठक की प्रतीक्षा करनी पडेगी. प्रशासकीय जानकारी के मुताबिक 4 जून की मतगणना के बाद लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता समाप्त होगी. तब तक समिति की कोई भी बैठक नहीं होगी और बैठक नही होगी तब तक कोई निर्णय भी नहीं लिया जाएगा. इस समिति में संबंधित जिले के वरिष्ठ कलाकार-समिक्षक और सरकारी अधिकारी का समावेश रहता है. यह समिति समाज कल्याण विभाग के पास प्राप्त हुए सभी प्रस्ताव देखकर उसमें से पात्र कलाकारो का चयन कर वह सूची राज्य शासन के पास भेजते है. पश्चात अ, ब, क ऐसे श्रेणीबद्ध कर इन कलाकारो को प्रति माह मानधन दिया जाता है. वृद्ध कलाकारो को मानधन देनेबाबत शासन के समाज कल्याण विभाग की योजना है. अधिक आयु के कलाकारो का औषधोपचार व अन्य खर्च पूर्ण हो तथा शासन कलाकारो को सहायता करती है, ऐसी भावना रहने के लिए यह योजना शुरु की गई. लेकिन चयन समिति का गठन देरी से होने के कारण शासन के मूल मकसद को ही चोट पहुंची है. अनेक वृद्ध कलाकार केवल अपनी कला प्रस्तुत कर मिलनेवाले मामुली मानधन पर परिवार का पालनपोषण करते है. इस दौरान उन्हें अनेक संकट का सामना करना पडता है, ऐसे समय इस परिवार के सदस्यो को सुखमय और सम्मान के साथ जिने के लिए थोडीबहुत ही सही लेकिन इस मानधन की सहायता होती है, ऐसा कलाकारो का कहना है.
* वृद्ध कलाकारो ने अनेक बार की मांग
कोरोनाकाल से होनेवाले कार्यक्रम कम होने से कलाकारो पर भूखमरी की नौबत आन पडी. वृद्ध कलाकारो की इस अवस्था की तरफ शासन और जनप्रतिनिधियों की भी अनदेखी रही. इस कारण इन वृद्ध कलाकारो की तरफ ध्यान देकर उनकी समस्या का निवारण करने के लिए वृद्ध कलाकार मानधन चयन समिति गठित करने की मांग जिले के वृद्ध कलाकारो द्वारा की गई थी. लेकिन समिति की घोषणा होने के दूसरे ही दिन आचारसंहिता लागू हो गई.
* श्रेणीबद्ध मिलनेवाला मानधन
अ श्रेणी 3150
ब श्रेणी 2700
क श्रेणी 2250
– मानधन प्राप्त करने के लिए पात्र ठहराए गए कलाकारो की आयु 50 और वार्षिक आय 48 हजार रुपए के भीतर रहना आवश्यक है. दिव्यांग कलाकारो के लिए आयु की शर्त में 15 वर्ष की छूट है. कलाकारो के निधन के बाद उनके वारिस को मानधन देने की सुविधा है.